ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर चर्चा के लिए मास्को पहुंचे इस्लामी
ईरान के परमाणु ऊर्जा संगठन के प्रमुख मोहम्मद इस्लामी ने मास्को में वार्ता के लिए कदम रखा है। इस यात्रा का उद्देश्य तेहरान के परमाणु कार्यक्रम पर चर्चा करना है, जिसमें संयुक्त राष्ट्र द्वारा संभावित प्रतिबंधों पर विचार किया जा रहा है। ईरान ने 2015 के समझौते का पालन न करने के आरोपों का खंडन किया है, जबकि रूस ने तेहरान के शांतिपूर्ण परमाणु ऊर्जा अधिकार का समर्थन किया है। इस्लामी ने बताया कि उनकी यात्रा के दौरान कई महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर किए जाएंगे।
Sep 22, 2025, 19:55 IST
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ईरान के परमाणु वार्ता का महत्व
ईरान के परमाणु ऊर्जा संगठन के प्रमुख मोहम्मद इस्लामी वार्ता के लिए मास्को पहुंच गए हैं, जैसा कि ईरानी सरकारी मीडिया ने सोमवार को बताया। संयुक्त राष्ट्र इस बात पर विचार कर रहा है कि क्या तेहरान के परमाणु कार्यक्रम पर फिर से प्रतिबंध लगाए जाएं। 15 सदस्यीय सुरक्षा परिषद ने तेहरान पर से प्रतिबंध स्थायी रूप से हटाने के प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया, जिसमें रूस और चीन का समर्थन था, जबकि ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी ने संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधों को फिर से लागू करने के प्रयासों का विरोध किया।
ईरान का परमाणु समझौता
यूरोपीय देश तेहरान पर 2015 में विश्व शक्तियों के साथ हुए उस समझौते का पालन न करने का आरोप लगाते हैं, जिसका उद्देश्य उसे परमाणु हथियार विकसित करने से रोकना था। ईरान इस आरोप का खंडन करता है, और रूस का कहना है कि वह तेहरान के शांतिपूर्ण परमाणु ऊर्जा के अधिकार का समर्थन करता है। ईरान के उपराष्ट्रपति इस्लामी ने बताया कि रूस की यात्रा के दौरान द्विपक्षीय सहयोग समझौतों पर हस्ताक्षर किए जाएंगे, जिसमें आठ परमाणु ऊर्जा संयंत्रों के निर्माण की योजना भी शामिल है, क्योंकि तेहरान 2040 तक 20 गीगावाट परमाणु ऊर्जा क्षमता हासिल करने का लक्ष्य रखता है।
भविष्य की योजनाएं
इस्लामी ने कहा कि अनुबंध पर बातचीत पूरी हो चुकी है और इस सप्ताह समझौते पर हस्ताक्षर के बाद परिचालन संबंधी कदम उठाए जाएंगे। ईरान, जो उच्च मांग वाले महीनों के दौरान बिजली की कमी का सामना करता है, के पास दक्षिणी शहर बुशहर में केवल एक चालू परमाणु ऊर्जा संयंत्र है, जिसे रूस ने बनाया है और जिसकी क्षमता लगभग 1 गीगावाट है।