ईरान के फोर्डो न्यूक्लियर प्लांट पर बढ़ता तनाव और वैश्विक चिंताएं

ईरान-इजराइल के बीच तनाव का बढ़ता संकट
ईरान का फोर्डो न्यूक्लियर प्रोग्राम: ईरान और इजराइल के बीच तनाव की स्थिति लगातार बढ़ती जा रही है। इस संदर्भ में एक महत्वपूर्ण प्रश्न यह है कि क्या यह तनाव एक परमाणु संकट में बदल सकता है? पिछले पांच दिनों में स्थिति और गंभीर हो गई है, जिसमें इजराइल ने तेहरान के परमाणु स्थलों को निशाना बनाया है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि हालात और बिगड़ते हैं, तो इसके परिणाम विनाशकारी हो सकते हैं। इस संकट के केंद्र में ईरान का अत्यधिक सुरक्षित न्यूक्लियर प्लांट फोर्डो है।
फोर्डो प्लांट का महत्व
फोर्डो प्लांट कोम के पास एक पहाड़ के अंदर लगभग 80 से 90 मीटर गहराई में स्थित है। इसकी भूमिगत संरचना इसे हवाई हमलों से सुरक्षित बनाती है। यहां तक कि इजराइल के सबसे शक्तिशाली बंकर बस्टर बम भी इसे पूरी तरह से नष्ट नहीं कर सकते। यह जानकारी 2009 में पश्चिमी खुफिया एजेंसियों द्वारा सामने आई थी। यह प्लांट युद्ध की स्थिति में भी सुरक्षित रह सकता है।
फोर्डो से जुड़ी वैश्विक चिंताएं
ग्लोबल चिंता का विषय:
इंटरनेशनल एटॉमिक एनर्जी एजेंसी के अनुसार, फोर्डो में 2700 सेंट्रीफ्यूज काम कर रहे हैं और यह प्लांट 60% शुद्धता तक यूरेनियम का उत्पादन कर रहा है, जो 90% वेपन ग्रेड स्तर से केवल एक कदम दूर है। 2023 में यहां 83.7% शुद्धता वाला यूरेनियम पाया गया था, जिससे वैश्विक चिंताएं बढ़ गई हैं।
इजराइल की संभावित कार्रवाइयां
क्या इजराइल कुछ कर सकता है?
इजराइल के पास अमेरिका जैसा GBU-57 बंकर बस्टर बम नहीं है, जिसे केवल अमेरिकी B-2 स्टील्थ बॉम्बर ले जा सकता है। अमेरिका ने इस बम को इजराइल को देने से इनकार कर दिया है। यूएस सेंट्रल कमांड के पूर्व प्रमुख जनरल जोसेफ वोटेल का कहना है कि उन्होंने लंबे समय से यह नीति अपनाई है कि वो इजराइल को यह बम नहीं देंगे। हालांकि, इजरायल के पास कुछ विकल्प हैं, जैसे:
प्लांट की बिजली सप्लाई को ठप कर अस्थायी रूप से निष्क्रिय करना
एंट्री गेट्स को निशाना बनाकर उपकरण और कर्मचारियों को फंसा देना
विशेष बलों के जरिए अंदर घुसकर तोड़फोड़ करना
हवाई दबदबा बनाकर संचालन बाधित करना
फोर्डो पर संकट की गहराई
फोर्डो पर गहराया संकट:
फोर्डो अब केवल तकनीकी चुनौती नहीं, बल्कि राजनीतिक चुनौती भी बन चुका है। इस पर हमला पूरे क्षेत्र में युद्ध छेड़ सकता है। ईरान का दावा है कि उसका परमाणु प्रोग्राम शांतिपूर्ण है, लेकिन बढ़ते तनाव ने अंतरराष्ट्रीय चिंताओं को और गहरा कर दिया है। फोर्डो उस न्यूक्लियर डेडलॉक का प्रतीक बन चुका है जो ईरान और उसके विरोधियों के बीच बना हुआ है। यह प्लांट इजराइल की सीमित सैन्य क्षमताओं, अमेरिका की कूटनीतिक दुविधा और ईरान की रणनीतिक सूझबूझ का साक्ष्य है। अब जब पूरा मध्य पूर्व युद्ध की कगार पर खड़ा है, फोर्डो की भूमिका आने वाले इतिहास को तय कर सकती है।