ईरान के फोर्दो पर अमेरिका का बमबारी हमला: क्या सच में हुआ कोई नुकसान?

अमेरिका का चौंकाने वाला हमला
ईरान के फोर्दो न्यूक्लियर साइट पर अमेरिका द्वारा गिराए गए 12 बंकर बस्टर बमों का वजन 13,000 किलो था, जिसने वैश्विक समुदाय को चौंका दिया है। हालांकि, ईरान का कहना है कि उसे इस हमले से कोई गंभीर नुकसान नहीं हुआ है। पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इस हमले को ईरान की न्यूक्लियर क्षमता को समाप्त करने वाला करार दे रहे हैं।
कोम में कोई हलचल क्यों नहीं?
जब एक लाख पचास हजार किलोग्राम विस्फोटक गिरा, तो पास के कोम शहर में कोई हलचल नहीं हुई। यह सवाल उठता है कि क्या अमेरिका ने वाकई में वह तबाही मचाई है, जैसा कि वह दावा कर रहा है, या फिर ईरान कुछ महत्वपूर्ण तथ्य छिपा रहा है?
फोर्दो पर बमबारी का विवरण
इस हमले में कुल 12 बंकर बस्टर बमों का उपयोग किया गया, जो विशेष रूप से भूमिगत न्यूक्लियर सुविधाओं को नष्ट करने के लिए बनाए गए हैं। फिर भी, ईरान का कहना है कि फोर्दो की सुरंगें और सुविधाएं सुरक्षित हैं।
कोम में झटके का न होना
फोर्दो न्यूक्लियर साइट से लगभग 41 किलोमीटर दूर स्थित कोम शहर में 130,000 किलो विस्फोटक गिरने के बावजूद कोई भूकंप या हलचल महसूस नहीं की गई। यह स्थिति इस हमले की गंभीरता पर सवाल उठाती है।
इजरायली हमलों की तुलना
जब इज़रायल ने फोर्दो पर मिसाइलें दागी थीं, तब कोम में 2.5 तीव्रता का भूकंप महसूस किया गया था। लेकिन अमेरिका के बंकर बस्टर बमों के हमले के बाद धरती का स्थिर रहना कई विशेषज्ञों के लिए आश्चर्यजनक है।
ईरान की रणनीति
ईरान ने कोम और फोर्दो के आसपास के क्षेत्र को पहले ही खाली करवा लिया था, जिससे नागरिकों की जान बच गई और जानमाल का नुकसान टल गया।
ट्रंप का बयान
डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि फोर्दो अब पूरी तरह से नष्ट हो चुका है और ईरान को चेतावनी दी है कि अगर उसने जवाबी कार्रवाई की, तो परिणाम और भी भयानक होंगे। ट्रंप का यह बयान अंतरराष्ट्रीय राजनीति में हलचल पैदा कर रहा है।
क्या ईरान सच में छिपा रहा है?
विशेषज्ञों का मानना है कि ईरान का 'कोई नुकसान नहीं हुआ' वाला बयान संदिग्ध है। इतनी बड़ी बमबारी के बाद भी कोई बड़ा नुकसान न होना असंभव लगता है। सवाल यह भी है कि अगर कुछ नहीं हुआ, तो फिर इलाके को खाली क्यों करवाया गया?