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ईरान के राष्ट्रपति पर इजरायली हवाई हमले का प्रयास, जानें पूरी कहानी

पिछले महीने ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेज़ेशकियन को इजरायल के एक हवाई हमले में मामूली चोटें आईं। यह हमला तेहरान में हुआ, जब वे राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की बैठक में थे। हमले का उद्देश्य राष्ट्रपति और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को निशाना बनाना था। ईरानी अधिकारियों ने आंतरिक रिसाव की आशंका जताई है। राष्ट्रपति ने इस हमले को उनकी हत्या का प्रयास बताया। जानें इस हमले की पूरी कहानी और इसके पीछे की रणनीति।
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ईरान के राष्ट्रपति पर इजरायली हवाई हमले का प्रयास, जानें पूरी कहानी

ईरान के राष्ट्रपति को लगी चोट

पिछले महीने तेहरान और यरुशलम के बीच हुए 12 दिनों के संघर्ष के दौरान ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेज़ेशकियन को इजरायल के एक हवाई हमले में हल्की चोटें आईं। यह जानकारी ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स से जुड़ी एक समाचार एजेंसी ने दी।


हमले का विवरण

16 जून को, जब युद्ध का चौथा दिन था, राष्ट्रपति पेज़ेशकियन ईरान की सर्वोच्च राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की बैठक में शामिल थे। इसी दौरान एक मिसाइल ने इमारत को निशाना बनाया, जिससे उन्हें पैर में चोट आई। यह हमला तेहरान के पश्चिमी क्षेत्र शाहरक-ए-घर्ब में हुआ।


हमले की योजना

फार्स न्यूज़ के अनुसार, इस हमले का उद्देश्य राष्ट्रपति के अलावा संसद अध्यक्ष मोहम्मद बाघर घालिबाफ और न्यायपालिका प्रमुख मोहसेनी एजेई जैसे अन्य उच्च अधिकारियों को निशाना बनाना था। इजरायल ने इस हमले में छह मिसाइलों का उपयोग किया, जो इमारत के प्रवेश और निकास बिंदुओं को लक्षित कर रही थीं। उस समय ईरानी नेता इमारत के निचले तल पर थे।


आंतरिक रिसाव की आशंका

हमले की सटीकता ने ईरानी अधिकारियों में आंतरिक रिसाव की आशंका को जन्म दिया है। प्राधिकरण अब इस संभावना की जांच कर रहे हैं कि हमले की जानकारी किसी अंदरूनी सूत्र ने लीक की हो।


राष्ट्रपति का बयान

राष्ट्रपति पेज़ेशकियन ने एक साक्षात्कार में कहा कि इजरायल ने उनकी हत्या का प्रयास किया था। उन्होंने कहा, "हां, उन्होंने कोशिश की थी... उन्होंने उचित कार्रवाई की, लेकिन वे असफल रहे।"


इजरायल का बड़ा हमला

इजरायल ने यह बड़ा हमला अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा परमाणु समझौते के लिए 60 दिनों की समय सीमा तय करने के 61 दिन बाद शुरू किया था। इजरायल का कहना था कि यह हमला ईरान के इजरायल को नष्ट करने के इरादे को रोकने के लिए था। इस ऑपरेशन में ईरान के शीर्ष सैन्य कमांडरों और परमाणु वैज्ञानिकों को निशाना बनाया गया।