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ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला खामेनेई: संघर्ष और सत्ता की कहानी

ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला खामेनेई के बारे में जानें, जिनका नाम ईरान-इजराइल संघर्ष में प्रमुखता से लिया जा रहा है। अमेरिका और इजराइल द्वारा उन्हें खत्म करने की धमकियों के बीच, खामेनेई की शक्ति और राजनीतिक इतिहास पर एक नजर डालें। जानें कि कैसे उन्होंने ईरान की सत्ता पर काबिज होकर देश की दिशा को प्रभावित किया है।
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ईरान-इजराइल संघर्ष में खामेनेई का नाम

ईरान और इजराइल के बीच चल रहे विवाद पर चर्चा वैश्विक स्तर पर हो रही है। इस संदर्भ में अयातुल्ला खामेनेई का नाम प्रमुखता से लिया जा रहा है। अमेरिका ने स्पष्ट किया है कि खामेनेई उनके लक्ष्यों में शामिल हैं। इजराइल ने उन्हें समाप्त करने की धमकी दी है, यह दावा करते हुए कि ऐसा करने से ईरान और इजराइल के बीच का संघर्ष समाप्त हो जाएगा। इन खतरों के चलते खामेनेई वर्तमान में तेहरान में एक गुप्त बंकर में छिपे हुए हैं.


खामेनेई पर हमले और उनकी शक्ति

यह पहली बार नहीं है जब खामेनेई को जान से मारने की धमकी मिली है। 1981 में, इस्लामिक क्रांति के दो साल बाद, उन पर एक गंभीर हमला हुआ था। उस समय एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उनके बगल में रखा टेप रिकॉर्डर फट गया, जिससे उनका दाहिना हाथ बुरी तरह घायल हो गया और एक कान की सुनने की क्षमता भी चली गई। इसके बावजूद, वे ईरान की सत्ता पर मजबूती से काबिज हैं। खामेनेई और उनके गुरु रूहोल्लाह खामेनेई ने ईरान को धार्मिक तानाशाही की दिशा में ले जाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.


अयातुल्ला खामेनेई का जीवन और करियर

अयातुल्ला अली खामेनेई का जन्म 1939 में इराक के नजफ में हुआ था। उनके पिता जावेद खामेनेई एक मौलवी थे। खामेनेई अपने आठ भाई-बहनों में दूसरे नंबर पर थे और उन्होंने युवा अवस्था में ही मौलवी का करियर शुरू किया। उनके परिवार ने 'खामेनेई' उपनाम अपनाया, जो उनके पैतृक गांव के नाम पर है.


सर्वोच्च नेता के रूप में खामेनेई का उदय

खामेनेई ने 1979 की ईरानी इस्लामी क्रांति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। क्रांति के बाद, जब शाह मोहम्मद रजा पहलवी को सत्ता से हटा दिया गया, तो खामेनेई को 1981 में ईरान का राष्ट्रपति बनाया गया। 1989 में रूहोल्लाह खामेनेई की मृत्यु के बाद, खामेनेई सर्वोच्च नेता बने। उन्होंने संविधान में संशोधन करके अपनी शक्तियों को बढ़ाया, जिससे वे ईरान के सबसे शक्तिशाली व्यक्ति बन गए.


खामेनेई की शक्ति और राष्ट्रपति की भूमिका

खामेनेई के संविधान संशोधनों ने राष्ट्रपति की महत्वपूर्ण शक्तियों को सर्वोच्च नेता को हस्तांतरित कर दिया। इस प्रकार, खामेनेई न केवल सर्वोच्च नेता हैं, बल्कि ईरान की सेना के सर्वोच्च कमांडर भी हैं। उनके निर्णय देश के नीतिगत मामलों में अंतिम होते हैं। यह ध्यान देने योग्य है कि खामेनेई ने 1981 के बाद से कभी भी विदेश यात्रा नहीं की है.