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ईरान के सर्वोच्च नेता खामेनेई ने सुरक्षा कारणों से संवाद के तरीके बदले

ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने संभावित हत्या के खतरे के चलते अपने संवाद के तरीके में बदलाव किया है। अब वे सीधे बात करने के बजाय अपने विश्वसनीय सहयोगियों के माध्यम से संवाद कर रहे हैं। इस बीच, इजरायल द्वारा किए गए हालिया हमलों ने तेहरान में गंभीर प्रभाव डाला है। खामेनेई ने सैन्य उत्तराधिकार की तैयारी भी की है, जिसमें तीन संभावित उत्तराधिकारियों के नाम शामिल हैं। जानें इस संकट के पीछे की पूरी कहानी और खामेनेई की सुरक्षा रणनीतियों के बारे में।
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ईरान के सर्वोच्च नेता खामेनेई ने सुरक्षा कारणों से संवाद के तरीके बदले

अयातुल्ला खामेनेई की सुरक्षा रणनीति

अयातुल्ला अली खामेनेई पर खतरा: ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला खामेनेई ने संभावित हत्या के खतरों के चलते अब सीधे संवाद करने के बजाय अपने विश्वसनीय सहयोगियों के माध्यम से अपने कमांडरों से बातचीत करने का निर्णय लिया है। इसके साथ ही, उन्होंने इलेक्ट्रॉनिक संचार को निलंबित कर दिया है, जिससे उनकी गतिविधियों का पता लगाना कठिन हो गया है। यह जानकारी तीन ईरानी अधिकारियों ने साझा की है, जो उनकी आपातकालीन युद्ध योजनाओं से अवगत हैं।


बंकर में छिपे हुए खामेनेई

सुरक्षित स्थान पर सैन्य उत्तराधिकार की तैयारी

सूत्रों के अनुसार, खामेनेई एक बंकर में सुरक्षित हैं और उन्होंने कई सैन्य कमांडरों के विकल्पों को नामित किया है। यह सुनिश्चित करने के लिए कि यदि उनके विश्वसनीय अधिकारी युद्ध में मारे जाते हैं, तो उन्हें तुरंत बदला जा सके। अधिकारियों ने यह भी बताया कि खामेनेई ने तीन संभावित उत्तराधिकारियों के नाम तय किए हैं, जो उनकी मृत्यु की स्थिति में उनकी जगह ले सकते हैं।


संभावित उत्तराधिकारियों की सूची

इस सूची में अलीरेजा अराफी, अली असगर हेजाजी, और हाशिम हुसैनी बुशहरी के नाम शामिल हैं। दिलचस्प बात यह है कि खामेनेई के बेटे मुजतबा खामेनेई का नाम इस सूची में नहीं है, जबकि पहले उन्हें उत्तराधिकारी माना जा रहा था। यह कदम उनके तीन दशकों के शासन पर मंडरा रहे संकट का संकेत माना जा रहा है।


इजरायली हमलों का प्रभाव

तेहरान पर बढ़ता दबाव

पिछले शुक्रवार को इजरायल द्वारा किए गए हमलों के बाद से खामेनेई ने इस्लामिक गणराज्य की रक्षा के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। यह संघर्ष अभी एक सप्ताह पुराना है, लेकिन इसे 1980 के दशक के ईरान-इराक युद्ध के बाद का सबसे बड़ा सैन्य हमला माना जा रहा है। इन हमलों का सबसे अधिक प्रभाव ईरान की राजधानी तेहरान पर पड़ा है।


हमलों के निशाने

अस्पताल और धार्मिक स्थल भी प्रभावित

कुछ ही दिनों में तेहरान में इजरायली हमलों से हुए नुकसान को सद्दाम हुसैन द्वारा किए गए आठ साल के युद्ध के नुकसान से भी अधिक बताया जा रहा है। हालांकि, प्रारंभिक झटके के बाद ईरान अब फिर से संगठित हो गया है और प्रतिदिन जवाबी कार्रवाई कर रहा है। इन जवाबी हमलों में एक अस्पताल, हाइफ़ा तेल रिफ़ाइनरी, धार्मिक स्थल और आवासीय क्षेत्रों को निशाना बनाया गया है।