ईरान के सुप्रीम लीडर खामनेई का अमेरिका और इजरायल के खिलाफ बयान

खामनेई का बयान
तेहरान: ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामनेई ने अमेरिका और इजरायल के खिलाफ एक महत्वपूर्ण बयान जारी किया है। उन्होंने सभी मुस्लिम देशों से एकजुट होकर खड़े होने की अपील की है। यह बयान तब आया है जब इजरायल ने हाल ही में कतर की राजधानी दोहा और यमन की राजधानी सना पर बड़े हवाई हमले किए हैं।
खामनेई का संदेश: खामनेई ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, "क्षेत्रीय सरकारों को यह समझना चाहिए कि अमेरिका भरोसेमंद नहीं है और वह केवल मुस्लिम राष्ट्रों को ज़ायोनिस्ट शासन को बनाए रखने और अपने साम्राज्यवादी हितों को साधने के उपकरण के रूप में देखता है।"
دولتهای منطقه بدانند آمریکا قابل اعتماد نیست وبه اینها به چشم ابزار حفظ رژیم صهیونیستی وحفظ منافع استکباری خود درمنطقه نگاه میکند. آمریکا از پول ونیروی اینهابرای مقاصد خود استفاده میکند.
راه حل مشکلات منطقه اتحاد ملتها، دولتهای مسلمان وایستادگی مقابل هدفهای استکباریست.
۱۳۹۵/۰۵/۱۱ pic.twitter.com/g630oglToT— KHAMENEI.IR | فارسی (@Khamenei_fa) September 10, 2025
उन्होंने आगे कहा कि अमेरिका मुस्लिम देशों की संपत्ति और सैन्य ताकत का उपयोग अपने स्वार्थ के लिए करता है। खामनेई के अनुसार, "क्षेत्र की समस्याओं का समाधान तभी संभव है जब मुस्लिम राष्ट्र एकजुट हों और साम्राज्यवादी ताकतों के खिलाफ मजबूती से खड़े हों।" इससे पहले अमेरिका और इजरायल ने मिलकर तेहरान के तीन परमाणु ठिकानों पर हमला किया था। अमेरिका ने इस हमले में बी-2 स्टील्थ बॉम्बर्स का इस्तेमाल किया, जो 200 फीट तक गहराई में जाकर ठिकानों को तबाह करने में सक्षम हैं।
इजरायल ने दो दिन पहले कतर की राजधानी दोहा में एक बड़ा हवाई हमला किया था। इजरायल का दावा था कि उसने हमास के शीर्ष नेताओं को निशाना बनाया। बताया गया कि हमास के कई नेता वहां बैठक कर रहे थे। हमले में हमास के पांच सदस्य मारे गए, हालांकि मुख्य नेता सुरक्षित बताए जा रहे हैं। खामनेई के बयान से क्षेत्र में तनाव और बढ़ने की आशंका जताई जा रही है। अब यह देखना होगा कि मुस्लिम देशों की प्रतिक्रिया क्या होती है और क्या वाकई कोई साझा मोर्चा बन पाता है या नहीं।