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ईरान के सुप्रीम लीडर खामेनेई ने भूमिगत बंकर में शिफ्ट किया

ईरान और इजरायल के बीच चल रहे युद्ध के बीच, सुप्रीम लीडर अयातुल्लाह खामेनेई ने अपनी सुरक्षा के लिए एक भूमिगत बंकर में शिफ्ट होने का निर्णय लिया है। हालिया वीडियो में तकनीकी बदलाव और सुरक्षा कारणों से स्थानांतरण के संकेत मिले हैं। इजरायल के सैन्य अभियान ने खामेनेई पर खतरे को बढ़ा दिया है, जिससे उनकी सुरक्षा को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं। जानें इस जटिल स्थिति के बारे में और क्या हो सकता है आगे।
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ईरान के सुप्रीम लीडर खामेनेई ने भूमिगत बंकर में शिफ्ट किया

ईरान और इजरायल के बीच बढ़ता तनाव

ईरान और इजरायल के बीच चल रहा संघर्ष हर दिन और भी भयंकर होता जा रहा है। इस बीच, ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्लाह अली खामेनेई का हालिया वीडियो संबोधन वैश्विक स्तर पर चर्चा का विषय बन गया है। रिपोर्टों के अनुसार, 86 वर्षीय खामेनेई ने अपनी और अपने परिवार की सुरक्षा के लिए तेहरान के उत्तर-पूर्वी क्षेत्र लाविजान में एक अत्यधिक सुरक्षित भूमिगत बंकर में स्थानांतरित होने का निर्णय लिया है। यह कदम इजरायल के निरंतर हवाई हमलों और खामेनेई को लक्षित करने की कथित योजनाओं के जवाब में उठाया गया है.


वीडियो में तकनीकी बदलाव

18 जून 2025 को जारी उनके वीडियो का फोरेंसिक विश्लेषण कई सवाल खड़े करता है, जो यह दर्शाता है कि खामेनेई अब अपने आधिकारिक कार्यालय के बजाय एक गुप्त स्थान से देश का संचालन कर रहे हैं। इस वीडियो में तकनीकी बदलाव देखे गए हैं, जो उनके पिछले उच्च गुणवत्ता वाले प्रसारणों से भिन्न हैं। आमतौर पर उनके वीडियो में उच्च-रिज़ॉल्यूशन कैमरे, स्टूडियो-ग्रेड लाइटिंग और स्टैंड माइक्रोफोन का उपयोग होता था, लेकिन इस बार वीडियो की गुणवत्ता में स्पष्ट कमी देखी गई। खामेनेई ने लैपल माइक का उपयोग किया और वीडियो की छवियां धुंधली और कम्प्रेस्ड थीं.


सुरक्षा कारणों से बंकर में स्थानांतरण

वीडियो के बैकग्राउंड में कोई विशिष्ट पहचान या सजावट नहीं थी, जो सामान्यतः उनके आधिकारिक संबोधनों में होती है। इस तकनीकी गिरावट ने विशेषज्ञों को यह अनुमान लगाने के लिए प्रेरित किया कि खामेनेई को सुरक्षा कारणों से लाविजान के एक अंडरग्राउंड बंकर में स्थानांतरित किया गया है। यह बंकर कथित तौर पर मिसाइल और बम हमलों से सुरक्षित है और इसके चारों ओर कड़े सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं.


इजरायल की सैन्य कार्रवाई

इजरायल ने 13 जून 2025 से शुरू हुए अपने सैन्य अभियान 'ऑपरेशन राइजिंग लायन' के तहत ईरान के परमाणु ठिकानों, सैन्य अड्डों और शीर्ष नेतृत्व को निशाना बनाया है। इस अभियान में ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) के कमांडर जनरल हुसैन सलामी, खुफिया उप-प्रमुख हसन मोहाकिक, और कई परमाणु वैज्ञानिकों की हत्या की गई है। इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने स्पष्ट रूप से कहा है कि खामेनेई की हत्या इस युद्ध को समाप्त कर सकती है, जिससे सुप्रीम लीडर पर खतरे की आशंका और बढ़ गई है.


खामेनेई पर खतरा

रिपोर्टों के अनुसार, इजरायल ने खामेनेई को निशाना बनाने की एक ठोस योजना बनाई थी, लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति ने अंतिम क्षणों में इसे रोक दिया। उनका मानना था कि खामेनेई की हत्या से मध्य पूर्व में और बड़े पैमाने पर युद्ध भड़क सकता है, जिसका असर अमेरिकी हितों पर भी पड़ सकता है। इसके बावजूद, इजरायल ने खामेनेई के करीबी सलाहकारों और सैन्य नेतृत्व को लगातार निशाना बनाया है, जिसमें उनके वरिष्ठ सलाहकार अली शमखानी भी गंभीर रूप से घायल हुए हैं.