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ईरान के हमले ने इजरायल के आयरन डोम को दी चुनौती

ईरान ने हाल ही में इजरायल की राजधानी तेल अवीव पर एक बड़ा हमला किया, जिससे इजरायल के आयरन डोम डिफेंस सिस्टम को चुनौती मिली। इस हमले में ईरान ने सैकड़ों बैलिस्टिक मिसाइलें दागीं, जिससे आयरन डोम की प्रभावशीलता पर सवाल उठे। इजरायल ने इस हमले का जवाब देने के लिए ऑपरेशन राइजिंग लॉयन शुरू किया, जिसमें ईरान के कई सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया गया। जानें इस हमले के पीछे की कहानी और आयरन डोम की ताकत के बारे में।
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ईरान के हमले ने इजरायल के आयरन डोम को दी चुनौती

ईरान का हमला और आयरन डोम की विफलता

ईरान का हमला: हाल ही में ईरान ने इजरायल की राजधानी तेल अवीव पर जोरदार हमला किया है, जिससे न केवल यह क्षेत्र बल्कि अन्य हिस्सों में भी तबाही मच गई है। इस हमले ने इजरायल के प्रसिद्ध डिफेंस सिस्टम 'आयरन डोम' को भी चकमा देने का दावा किया गया है। आयरन डोम को दुनिया के सबसे प्रभावशाली डिफेंस सिस्टम में से एक माना जाता है। इसके जवाब में, इजरायल ने ऑपरेशन राइजिंग लॉयन शुरू किया, जिसमें ईरान के परमाणु और सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया गया। इस कार्रवाई में ईरान के कई प्रमुख सैन्य अधिकारी और वैज्ञानिक भी मारे गए।


आयरन डोम की ताकत

आयरन डोम एक अत्याधुनिक इजरायली मिसाइल रक्षा प्रणाली है, जिसे राफेल एडवांस्ड डिफेंस सिस्टम और इजरायल डिफेंस फोर्सेज (आईडीएफ) ने मिलकर विकसित किया है। यह प्रणाली शहरी क्षेत्रों को रॉकेट और मोर्टार हमलों से सुरक्षित रखने के लिए बनाई गई है। इसकी सफलता दर 90% से अधिक है, और यह कम दूरी की मिसाइलों और रॉकेटों को प्रभावी ढंग से नष्ट करने में सक्षम है। यह हमास और हिजबुल्लाह जैसे समूहों के हमलों को रोकने में भी सफल रही है।


अमेरिका की रुचि

अमेरिका भी इजरायल के आयरन डोम को अत्यधिक प्रभावशाली मानता है और इससे प्रेरित है। पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप ने आयरन डोम की तर्ज पर अमेरिका में 'गोल्डन डोम' बनाने का प्रस्ताव रखा था, जिससे देश की सुरक्षा को बढ़ाया जा सके। आयरन डोम एक ऐसा सुरक्षा कवच है, जिसकी चर्चा हर जगह होती है।


आयरन डोम की विफलता के कारण

ईरान ने एक साथ सैकड़ों बैलिस्टिक मिसाइलें दागीं, जिससे आयरन डोम पर भारी दबाव पड़ा। ये बैलिस्टिक मिसाइलें अत्यधिक तेज होती हैं और लगभग 10,000 मील प्रति घंटे की गति से हमला करती हैं। ईरान ने अपनी नई फ़तह हाइपरसोनिक मिसाइलों का उपयोग किया, जो अन्य बैलिस्टिक मिसाइलों की तुलना में तेज हैं। कुछ रिपोर्टों में यह भी कहा गया है कि ईरान ने साइबर हमलों का सहारा लिया, जिससे इजरायल के रडार और कमांड सिस्टम में बाधा उत्पन्न हुई। इसके अलावा, ईरान ने फ़र्जी टारगेट भेजे, जिससे आयरन डोम को भ्रमित किया गया।