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ईरान ने अमेरिका और इज़रायल पर परमाणु वार्ता को बाधित करने का आरोप लगाया

ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने अमेरिका और इज़रायल पर आरोप लगाया है कि उन्होंने जानबूझकर ईरान की परमाणु सुविधाओं को निशाना बनाकर कूटनीतिक प्रयासों को बाधित किया है। उन्होंने कहा कि इन हमलों ने क्षेत्रीय स्थिरता को खतरे में डाल दिया है। अराघची ने अमेरिका के हालिया हमलों को लेकर चेतावनी दी है कि ईरान अपने अधिकारों के अनुसार जवाब देगा। जानें इस विवाद के पीछे की पूरी कहानी और ईरान की प्रतिक्रिया।
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ईरान ने अमेरिका और इज़रायल पर परमाणु वार्ता को बाधित करने का आरोप लगाया

ईरान की कूटनीतिक स्थिति पर चिंता

ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने रविवार को अमेरिका और इज़रायल पर आरोप लगाया कि दोनों देशों ने जानबूझकर उनकी परमाणु सुविधाओं को निशाना बनाकर कूटनीतिक प्रयासों को "तहस-नहस" कर दिया है। उन्होंने कहा कि इन हमलों ने क्षेत्रीय स्थिरता को खतरे में डाल दिया है।


इजरायल और अमेरिका ने बिगाड़ी बातचीत की राह

अराघची ने कहा कि 13 जून को इज़रायल ने तेहरान और वाशिंगटन के बीच चल रही बातचीत को "ध्वस्त" कर दिया, जबकि अमेरिका ने हालिया हमलों के माध्यम से यूरोपीय शक्तियों के साथ होने वाली वार्ता को "नष्ट" किया। उन्होंने यूरोपीय देशों की ओर से ईरान को बातचीत की मेज पर लौटने की अपील पर सवाल उठाते हुए कहा, "ईरान उस चीज में कैसे लौट सकता है, जिसे उसने कभी छोड़ा ही नहीं?"


ईरान की स्थिति और जवाब

अराघची ने ब्रिटेन और यूरोपीय संघ के उच्च प्रतिनिधि से कहा, "उनके लिए यह ईरान है जो 'मेज पर लौटना' चाहिए। लेकिन ईरान उस चीज में कैसे लौटे, जिसे न उसने छोड़ा, न ही उड़ाया?" उन्होंने चेतावनी दी कि अमेरिकी आक्रामकता की तीव्रता के आधार पर ईरान जवाब देगा। उन्होंने कहा, "हम अपने अधिकारों और राष्ट्रीय सुरक्षा प्राथमिकताओं के अनुसार जवाब देंगे।"


अमेरिका ने ईरान के परमाणु ठिकानों पर किया हमला

अमेरिका ने रविवार तड़के ईरान में तीन स्थानों पर हमले किए, जिससे वह इज़रायल के तेहरान के परमाणु कार्यक्रम के खिलाफ युद्ध में सीधे शामिल हो गया। इस हमले ने व्यापक क्षेत्रीय संघर्ष की आशंका को जन्म दिया। ईरान ने अमेरिका पर "खतरनाक युद्ध" शुरू करने का आरोप लगाया।


अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने व्हाइट हाउस से राष्ट्र के नाम संबोधन में दावा किया कि ईरान की प्रमुख परमाणु सुविधाएं "पूरी तरह से नष्ट" हो गईं। ईरान की परमाणु ऊर्जा संगठन ने पुष्टि की कि हमले फोर्डो, इस्फहान और नतांज़ स्थलों पर हुए, लेकिन जोर दिया कि उनका परमाणु कार्यक्रम जारी रहेगा। ईरानी अधिकारियों और संयुक्त राष्ट्र की परमाणु निगरानी संस्था ने कहा कि प्रभावित स्थानों पर तत्काल रेडियोधर्मी प्रदूषण के कोई संकेत नहीं मिले।