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ईरान ने अमेरिका के हमलों पर दी प्रतिक्रिया, सेना को सौंपा निर्णय

ईरान ने अमेरिका द्वारा उसके परमाणु प्रतिष्ठानों पर हमले के बाद कड़ी प्रतिक्रिया दी है। ईरान के राजदूत ने कहा कि अब जवाबी कार्रवाई का निर्णय सेना के हाथ में है। उन्होंने अमेरिका पर आरोप लगाया कि उसने कूटनीति के रास्ते बंद कर दिए हैं। इस स्थिति में ईरान के विदेश मंत्री ने यूरोपीय समकक्षों के साथ बातचीत की, लेकिन अमेरिका की भूमिका पर सवाल उठाए। जानें ईरान की इस गंभीर स्थिति पर और क्या हो सकता है आगे।
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ईरान ने अमेरिका के हमलों पर दी प्रतिक्रिया, सेना को सौंपा निर्णय

ईरान की प्रतिक्रिया

ईरान ने स्पष्ट किया है कि अमेरिका ने उसके परमाणु प्रतिष्ठानों पर हमले करके ‘‘कूटनीति के विकल्पों को समाप्त करने का निर्णय लिया है’’, और अब यह तय करना कि जवाबी कार्रवाई कब और कैसे की जाएगी, सेना के हाथ में है।


संयुक्त राष्ट्र में ईरान के राजदूत आमिर सईद इरावनी ने रविवार को सुरक्षा परिषद की आपात बैठक में कहा कि अमेरिका के हमलों के बाद ईरान ने अपने तीन परमाणु स्थलों पर चेतावनी दी थी कि अमेरिका को इस स्थिति में नहीं फंसना चाहिए।


उन्होंने कहा कि अमेरिका ने ईरान के परमाणु केंद्रों पर हमले करके ‘‘कूटनीति के रास्ते बंद करने का निर्णय लिया’’ और अब ईरान की सेना यह तय करेगी कि जवाबी कार्रवाई कब और किस प्रकार की जाएगी।


ईरानी राजदूत ने बैठक में कहा, ‘‘हम सभी आवश्यक कदम उठाएंगे।’’ इरावनी ने इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू पर आरोप लगाया कि उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को पश्चिम के ‘‘घृणित कृत्य’’ करने के लिए प्रेरित किया और इस तरह अमेरिका को एक और निराधार युद्ध में फंसा दिया।


इरावनी ने कहा कि ईरान के विदेश मंत्री ने हाल ही में कई यूरोपीय समकक्षों के साथ बातचीत की थी, लेकिन ‘‘अमेरिका ने कूटनीति के रास्ते बंद करने का निर्णय लिया।’’ उन्होंने सवाल उठाया, ‘‘इस स्थिति से क्या निष्कर्ष निकाला जा सकता है? पश्चिमी देशों के दृष्टिकोण से, ईरान को बातचीत की मेज पर वापस आना चाहिए।’’ उन्होंने यह भी कहा कि ईरान के विदेश मंत्री ने स्पष्ट किया है कि ईरान किसी ऐसी चीज पर वापस कैसे लौट सकता है जिसे उसने कभी छोड़ा ही नहीं।