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ईरान ने भारत के लिए एयरस्पेस खोला, ऑपरेशन सिंधु के तहत भारतीयों की वापसी

जून 2025 में, ईरान ने भारत के लिए अपने हवाई क्षेत्र को फिर से खोलने का निर्णय लिया, जिससे लगभग 1,000 भारतीय नागरिकों की सुरक्षित वापसी संभव हो सकेगी। यह कदम इजरायल-ईरान के बीच बढ़ते तनाव के बीच उठाया गया है। भारत सरकार ने इस मिशन का नाम 'ऑपरेशन सिंधु' रखा है, जिसका उद्देश्य ईरान में फंसे भारतीयों को सुरक्षित घर लौटाना है। पहले चरण में 110 छात्रों की वापसी हुई, और अब तुर्कमेनिस्तान के माध्यम से अन्य भारतीयों की वापसी की योजना बनाई गई है।
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ईरान ने भारत के लिए एयरस्पेस खोला, ऑपरेशन सिंधु के तहत भारतीयों की वापसी

ईरान का मानवीय कदम

जून 2025 की शुरुआत में, इजरायल और ईरान के बीच बढ़ते तनाव के बीच, ईरान ने एक महत्वपूर्ण मानवीय निर्णय लिया। 20 जून को तेहरान के राष्ट्रपति कार्यालय ने भारत के लिए अपने हवाई क्षेत्र को फिर से खोलने की घोषणा की। यह कदम ईरान-इजरायल संघर्ष के दौरान एक अपवाद के रूप में लिया गया, जिससे लगभग 1,000 भारतीय नागरिकों को दिल्ली तक सुरक्षित पहुंचाने का मार्ग प्रशस्त होगा। भारत सरकार ने इस मिशन का नाम 'ऑपरेशन सिंधु' रखा, जो 18 जून से शुरू हुआ। इसका उद्देश्य ईरान में फंसे भारतीयों, जिनमें बड़ी संख्या में मेडिकल और अन्य छात्र शामिल हैं, को सुरक्षित रूप से घर लौटाना है। पहले फ्लाइट येरिवान (आर्मेनिया) से दिल्ली आई, जिसमें 110 छात्र थे। अब, ईरान की एयरस्पेस की अनुमति मिलने के बाद, भारत और तुर्कमेनिस्तान के माध्यम से लगभग 1,000 भारतीयों की वापसी सुनिश्चित की जाएगी। इस प्रयास को अंतरराष्ट्रीय मानवीय सहयोग का एक महत्वपूर्ण उदाहरण माना जा रहा है। ईरान ने स्पष्ट किया है कि एयरस्पेस खोलना युद्ध के बीच एक मानवीय सुविधा है, न कि किसी राजनीतिक प्रतिबंध का हिस्सा। भारत के विदेश मंत्रालय ने सभी भारतीय नागरिकों से सतर्क रहने और स्थानीय अधिकारियों तथा दूतावास से संपर्क में रहने का अनुरोध किया है। इस बीच, इजरायल में फंसे भारतीयों के लिए भी ऑपरेशन सिंधु का विस्तार किया जा रहा है, जिनकी वापसी जॉर्डन और अन्य भूमि मार्गों से होगी।


महत्वपूर्ण तथ्य: एयरस्पेस खोलना: 20 जून 2025 को ईरान ने भारत के लिए एयरस्पेस खोलने का निर्णय लिया। ऑपरेशन सिंधु: 18 जून को शुरू हुआ मानवीय वापसी अभियान था। वापसी की संख्या: पहले 110 छात्र आए, अब करीब 1,000 तक लाए जाने की योजना। मार्ग: तुर्कमेनिस्तान सहित पड़ोसी देशों के रास्ते जरूरतमंदों को दिल्ली लाया जाएगा।