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ईरान पर अमेरिका का हवाई हमला: B-2 स्पिरिट बॉम्बर की ताकत और रणनीति

अमेरिका ने ईरान के तीन परमाणु स्थलों पर B-2 स्पिरिट बॉम्बर से हवाई हमला किया है। राष्ट्रपति ट्रंप ने इस हमले की पुष्टि की है, जिसमें फार्दो, नतांज और इस्फहान को निशाना बनाया गया। B-2 बॉम्बर की विशेषताएँ और इसकी रणनीति के बारे में जानें। क्या यह हमला क्षेत्र में तनाव को बढ़ाएगा? जानें पूरी कहानी।
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ईरान पर अमेरिका का हवाई हमला: B-2 स्पिरिट बॉम्बर की ताकत और रणनीति

अमेरिका का सीधा दखल

ईरान और इज़रायल के बीच चल रहे संघर्ष में एक नया मोड़ आया है, जब अमेरिका ने ईरान के तीन परमाणु स्थलों पर हवाई हमले किए। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रविवार को इस हमले की पुष्टि करते हुए बताया कि फार्दो, नतांज और इस्फहान में स्थित परमाणु साइट्स को अमेरिका के B-2 स्पिरिट बॉम्बर्स ने निशाना बनाया। इन हमलों में अमेरिका ने अपनी अत्याधुनिक स्टील्थ बॉम्बर्स का उपयोग किया, जो दुनिया के सबसे महंगे और खतरनाक बमवर्षकों में माने जाते हैं।


ट्रंप का बयान

ट्रंप ने अपने Truth Social प्लेटफॉर्म पर लिखा, 'हमने ईरान के तीन परमाणु ठिकानों - फार्दो, नतांज और इस्फहान - पर सफलतापूर्वक हमला किया है। सभी विमान अब ईरान की सीमा से बाहर हैं। फार्दो पर पूरे पेलोड के साथ बम गिराए गए। हमारे सभी अमेरिकी योद्धा सुरक्षित हैं। दुनिया की कोई और सेना ऐसा नहीं कर सकती थी। अब शांति का समय है! धन्यवाद।'


B-2 स्पिरिट बॉम्बर की विशेषताएँ

B-2 स्पिरिट बॉम्बर, जिसे आमतौर पर Stealth Bomber कहा जाता है, अमेरिकी एयरोस्पेस कंपनी Northrop Grumman द्वारा विकसित किया गया है। यह विमान उन्नत स्टील्थ तकनीक से लैस है, जिससे यह दुश्मन के रडार से बचते हुए गहरे रक्षा घेरे में प्रवेश कर सकता है। इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह दुश्मन की वायु रक्षा प्रणाली को चकमा देकर जमीन के भीतर बने कठोर परमाणु ठिकानों को भी सटीकता से नष्ट कर सकता है।


B-2 की क्षमताएँ

यह दो पायलटों वाला बमवर्षक विमान है जिसकी पेलोड क्षमता 40,000 पाउंड से अधिक है। यह परमाणु और पारंपरिक दोनों तरह के हथियारों को ले जाने में सक्षम है। इसकी रेंज बिना रीफ्यूलिंग के 6,000 नॉटिकल मील से अधिक है, यानी यह अमेरिका से उड़ान भरकर सीधे ईरान जैसे दुश्मन देश तक हमला कर सकता है। एरियल रीफ्यूलिंग के जरिए यह दुनिया के किसी भी कोने तक पहुंच सकता है।


हमले के लिए B-2 का चयन

इस ऑपरेशन के लिए अमेरिका ने B-2 बॉम्बर्स का इस्तेमाल इसलिए किया क्योंकि ईरान के जिन परमाणु ठिकानों को निशाना बनाया गया, वे जमीन के काफी नीचे बने हुए हैं और उन्हें नष्ट करने के लिए बेहद सटीक, भारी और शक्तिशाली बमों की जरूरत होती है।


B-2 स्पिरिट में उपयोग किए गए बम

GBU-57A/B MOP (Massive Ordnance Penetrator) यह अमेरिका का सबसे बड़ा पारंपरिक बम है जिसका वजन 30,000 पाउंड होता है। इसे खासतौर पर भूमिगत बंकरों को ध्वस्त करने के लिए बनाया गया है। यह बम इतने भारी होते हैं कि आम विमान उन्हें लेकर उड़ भी नहीं सकते। लेकिन B-2 की बनावट और इंजन इसे हवा में संतुलित रखते हैं।


दुनिया का सबसे महंगा सैन्य विमान

B-2 स्पिरिट बॉम्बर को दुनिया का सबसे महंगा सैन्य विमान माना जाता है। इसकी कीमत लगभग $2.1 बिलियन (करीब 17,500 करोड़ रुपये) है। इतनी कीमत में एक छोटा देश अपनी पूरी वायुसेना तैयार कर सकता है, लेकिन अमेरिका ने इसे केवल रणनीतिक हमलों के लिए ही तैनात किया है।


अमेरिका का संदेश

राष्ट्रपति ट्रंप ने अपने बयान में कहा कि हमने जो किया, वह केवल अमेरिका ही कर सकता था। अब वक्त है कि दुनिया शांति की ओर बढ़े। हालांकि इस हमले के बाद ईरान की प्रतिक्रिया पर सबकी निगाहें टिकी हुई हैं। क्षेत्र में तनाव और बढ़ने की आशंका जताई जा रही है।