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ईरान पर अमेरिकी हमले के बाद की स्थिति: क्या सच में नष्ट हुआ परमाणु कार्यक्रम?

हाल ही में अमेरिका ने ईरान पर हमला किया, जिसमें उसकी न्यूक्लियर साइट्स को निशाना बनाया गया। इस हमले के बाद ईरान ने सुरक्षा का दावा किया, जबकि अमेरिकी अधिकारियों ने स्थिति की गंभीरता को स्वीकार किया। जानें कि ईरान ने कितनी मात्रा में यूरेनियम हटाया और अमेरिका की प्रतिक्रिया क्या रही। क्या ट्रम्प का दावा सच है कि ईरान का परमाणु कार्यक्रम पूरी तरह से नष्ट हो गया है? इस लेख में हम इस जटिल स्थिति का विश्लेषण करेंगे।
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ईरान पर अमेरिकी हमले के बाद की स्थिति: क्या सच में नष्ट हुआ परमाणु कार्यक्रम?

अमेरिका का हमला और ईरान की प्रतिक्रिया

अमेरिका ने हाल ही में ईरान पर हमला किया, जिसमें उसकी तीन न्यूक्लियर साइट्स को निशाना बनाया गया। इस हमले के बाद ईरान में हलचल मच गई, और न्यूक्लियर फॉल आउट रेडिएशन लीक की खबरें भी आईं। हालांकि, ईरान ने इन सभी आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि सब कुछ सुरक्षित है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प का दावा है कि ईरान का परमाणु कार्यक्रम हवाई हमलों से पूरी तरह से समाप्त हो गया है, लेकिन वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारियों ने स्वीकार किया कि उन्हें यह नहीं पता कि ईरान के पास हथियार-स्तर का यूरेनियम कहां है।


अमेरिकी अधिकारियों की टिप्पणियाँ

एक प्रेस ब्रीफिंग में, रक्षा सचिव पीट हेगसेथ और संयुक्त चीफ के अध्यक्ष डैन कैन ने ट्रम्प के दावे का स्पष्ट उत्तर नहीं दिया कि परमाणु स्थलों को पूरी तरह से नष्ट कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि प्रारंभिक रिपोर्टों में वायु सेना के बी-2 बमवर्षकों और नौसेना के टॉमहॉक मिसाइलों द्वारा तीन स्थलों पर गंभीर क्षति की जानकारी मिली है। ईरान के फोर्डो यूरेनियम संवर्धन संयंत्र की सैटेलाइट तस्वीरों में बंकर-बस्टर बमों के कारण गहरे छेद दिखाई दे रहे हैं। इज़राइली सेना की रिपोर्टों से पता चलता है कि साइट को बुरी तरह नुकसान पहुंचा है, लेकिन यह पूरी तरह से नष्ट नहीं हुई है।


यूरेनियम का स्थानांतरण

हालांकि, न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, दो इजराइली अधिकारियों ने कहा कि ईरान ने हाल के दिनों में साइट से उपकरण और यूरेनियम हटा लिया है। इसके अलावा, ट्रम्प की धमकियों के कारण, ईरान ने 60% शुद्धता तक समृद्ध 400 किलोग्राम या लगभग 880 पाउंड यूरेनियम हटा दिया था। यह मात्रा 90% से थोड़ी कम है, जो आमतौर पर परमाणु हथियारों में उपयोग की जाती है। अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी के प्रमुख राफेल मारियानो ग्रॉसी ने बताया कि उनकी टीम ने इस ईंधन को इजरायल द्वारा हमले शुरू करने से लगभग एक सप्ताह पहले देखा था।


अमेरिका की स्थिति पर नजर

ट्रम्प ने कई दिनों से अमेरिका की भागीदारी पर विचार किया है और हाल ही में अपने प्रेस सचिव को दो सप्ताह की समयसीमा पेश करने का निर्देश दिया था। हालांकि, सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, वह इजरायल के सैन्य अभियान में शामिल होने की ओर झुक रहे थे, जबकि उनके दूत स्टीव विटकॉफ कूटनीतिक प्रयास कर रहे थे।