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ईरान पर अमेरिकी हमलों का प्रभाव सीमित, ट्रम्प ने रिपोर्ट को किया खारिज

हालिया अमेरिकी रिपोर्ट में कहा गया है कि ईरान पर हुए हमलों का प्रभाव सीमित रहा है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने इस रिपोर्ट को फर्जी करार दिया है, जबकि व्हाइट हाउस ने इसे पूरी तरह गलत बताया है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि ईरान का परमाणु ढांचा सुरक्षित है। जानें इस विवादास्पद रिपोर्ट के बारे में और ट्रम्प की प्रतिक्रिया।
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ईरान पर अमेरिकी हमलों का प्रभाव सीमित, ट्रम्प ने रिपोर्ट को किया खारिज

अमेरिकी हमलों का ईरान पर प्रभाव

हाल ही में एक अमेरिकी रिपोर्ट में कहा गया है कि ईरान पर किए गए हमलों का कोई विशेष प्रभाव नहीं पड़ा है। हालांकि, इस रिपोर्ट को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और व्हाइट हाउस ने खारिज कर दिया है। रक्षा खुफिया एजेंसी (डीआईए) की इस रिपोर्ट का पहला खुलासा एक प्रमुख समाचार चैनल ने किया था, जिसमें बताया गया है कि ईरान की परमाणु क्षमताएं केवल कुछ महीनों के लिए प्रभावित हुई हैं, लेकिन समाप्त नहीं हुई हैं।


हमलों का आकलन

रिपोर्ट में कहा गया है कि 22 जून को हुए हमलों ने फोर्डो, नतांज और इस्फ़हान में परमाणु स्थलों को नुकसान पहुंचाया, लेकिन ईरान का परमाणु ढांचा काफी हद तक सुरक्षित है। यह ट्रम्प और इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के सार्वजनिक दावों के विपरीत है।


ट्रम्प का बयान

डोनाल्ड ट्रम्प ने रिपोर्ट को बताया फर्जी


डोनाल्ड ट्रम्प ने अपनी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर इस रिपोर्ट को फर्जी करार दिया है। उन्होंने कहा, "यह रिपोर्ट झूठी है और इसका उद्देश्य सैन्य हमले की मांग करना है।" ट्रम्प ने यह भी कहा कि समाचार चैनल ने ईरान में हुए हमलों को बदनाम करने की कोशिश की है।


व्हाइट हाउस की प्रतिक्रिया

व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने भी इस रिपोर्ट को खारिज करते हुए इसे "पूरी तरह गलत" बताया। उन्होंने कहा कि इस तरह की रिपोर्ट लीक करना राष्ट्रपति ट्रम्प को नीचा दिखाने का प्रयास है और यह बहादुर पायलटों की मेहनत को कमतर आंकने की कोशिश है।


रिपोर्ट के निष्कर्ष

रिपोर्ट में क्या कहा गया है?


खुफिया रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि अमेरिकी हमलों ने ईरान के परमाणु ठिकानों को पूरी तरह से नष्ट नहीं किया है। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि बंकर-बस्टर बमों ने फोर्डो संयंत्र के प्रवेश द्वारों को ध्वस्त किया, लेकिन मुख्य भूमिगत ढांचा सुरक्षित रहा। इसके अलावा, महत्वपूर्ण उपकरण, जिनमें यूरेनियम को समृद्ध करने के लिए इस्तेमाल होने वाले सेंट्रीफ्यूज शामिल हैं, हमले से पहले स्थानांतरित कर दिए गए थे और वे अभी भी कार्यरत हैं।