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ईरान पर इजरायल का हमला: तनाव बढ़ा, सुरक्षा के लिए उठाया गया कदम

मध्य पूर्व में तनाव एक बार फिर से बढ़ गया है, जब इजरायल ने ईरान के नतांज और तेहरान में हमले की जिम्मेदारी ली। इजरायली प्रधानमंत्री ने इसे राष्ट्र की सुरक्षा के लिए एक निर्णायक कदम बताया। ईरान के पास संवर्धित यूरेनियम की बढ़ती मात्रा और उसके परमाणु कार्यक्रम के संदर्भ में इजरायल के आरोपों पर चर्चा की गई है। जानें इस स्थिति के पीछे की असली वजहें और इसके संभावित परिणाम।
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मध्य पूर्व में बढ़ता तनाव

मध्य पूर्व में तनाव की स्थिति एक बार फिर से उभर आई है। शुक्रवार की रात को ईरान के नतांज, फोर्दो और राजधानी तेहरान में जोरदार विस्फोटों की आवाजें सुनाई दीं। इन धमाकों के कुछ घंटों बाद, इजरायल ने इस हमले की जिम्मेदारी लेते हुए 'ऑपरेशन राइजिंग लायन' की शुरुआत की घोषणा की। इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इसे “राष्ट्र की सुरक्षा के लिए अंतिम और निर्णायक कदम” बताया।


इजरायल सरकार ने एक बयान में कहा कि यह सैन्य कार्रवाई आत्मरक्षा के सिद्धांत के तहत की गई है। उनका कहना है कि ईरान ने पिछले कुछ वर्षों में ऐसी स्थिति बना दी है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि वह इजरायल के अस्तित्व के लिए एक सीधा खतरा बन चुका है।


इजरायली रक्षा मंत्रालय ने यह भी बताया कि ईरान के पास अब इतना संवर्धित यूरेनियम है कि वह 9 से अधिक परमाणु हथियार बना सकता है, जिसमें से एक तिहाई केवल पिछले तीन महीनों में जमा हुआ है। यह संकेत है कि ईरान अब रुकने वाला नहीं है।


इजरायल का आरोप है कि ईरान अपने परमाणु कार्यक्रम को 'शांतिपूर्ण' बताने की कोशिश कर रहा है, जबकि अंतरराष्ट्रीय परमाणु एजेंसी IAEA की रिपोर्टें इसके विपरीत संकेत देती हैं। रिपोर्ट के अनुसार, ईरान का कार्यक्रम हथियार बनाने के इरादे से आगे बढ़ रहा है।