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ईरान में इज़रायली जासूसी के आरोप में 22 लोग गिरफ्तार

ईरान के क़ोम प्रांत में पुलिस ने इज़रायली जासूसी एजेंसी 'मोसाद' से जुड़े 22 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है। इस कार्रवाई में एक यूरोपीय नागरिक भी शामिल है। मानवाधिकार संगठनों ने इस मामले पर चिंता जताई है, जिसमें इज़रायल के साथ सहयोग के आरोप में 223 लोगों की गिरफ्तारी का दावा किया गया है। जानें इस मामले की पूरी जानकारी और अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया।
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ईरान में इज़रायली जासूसी के आरोप में 22 लोग गिरफ्तार

ईरान में जासूसी का मामला

ईरान जासूसी मामला: ईरान के क़ोम प्रांत में पुलिस ने एक महत्वपूर्ण कार्रवाई करते हुए इज़रायली जासूसी एजेंसी 'मोसाद' से जुड़े 22 व्यक्तियों को हिरासत में लिया है। फ़ार्स समाचार एजेंसी के अनुसार, यह कार्रवाई 13 जून से शुरू हुई और अब तक जारी है। क़ोम प्रांत के पुलिस खुफिया प्रमुख ने बताया कि इन 22 लोगों को ज़ायोनी शासन की जासूसी सेवाओं से संबंध रखने, जनता की राय को प्रभावित करने और आपराधिक शासन का समर्थन करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। इन आरोपों में देश की सुरक्षा और सामाजिक एकता को खतरे में डालने की साजिश भी शामिल है।


इसके अतिरिक्त, तस्नीम समाचार एजेंसी ने जानकारी दी है कि गुरुवार को ईरानी पुलिस ने इज़रायल के लिए जासूसी करने और देश की छवि को धूमिल करने के आरोप में 24 अन्य व्यक्तियों को भी गिरफ्तार किया। इस घटना ने ईरान में जासूसी गतिविधियों के खिलाफ चल रही सख्त कार्रवाइयों को और तेज कर दिया है।



यूरोपीय नागरिक की गिरफ्तारी


तस्नीम ने बताया कि एक यूरोपीय नागरिक को भी जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। हालांकि, इस व्यक्ति की राष्ट्रीयता या गिरफ्तारी की तारीख के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई है। यह मामला अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चर्चा का विषय बन सकता है।


मानवाधिकार संगठनों की चिंता


नॉर्वे स्थित गैर-सरकारी संगठन ईरान ह्यूमन राइट्स ने इस मामले पर गहरी चिंता व्यक्त की है। संगठन के अनुसार, इज़रायल के साथ सहयोग के आरोपों में देशभर में कम से कम 223 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। साथ ही, यह भी चेतावनी दी गई है कि वास्तविक संख्या इससे कहीं अधिक हो सकती है।


ईरान में जासूसी के खिलाफ सख्त कदम


ईरान समय-समय पर संदिग्ध जासूसों की गिरफ्तारी की घोषणा करता रहा है, हालांकि कई बार इन मामलों में ठोस सबूतों की कमी देखी गई है। हाल के हफ्तों में, जासूसी के आरोप में कई लोगों को फांसी की सजा भी दी गई है, जिसने अंतरराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान आकर्षित किया है।