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ईरान में मेडिकल शिक्षा: भारतीय छात्रों की सुरक्षित निकासी

ईरान और इजरायल के बीच चल रहे संघर्ष के कारण भारतीय छात्रों की सुरक्षित निकासी के लिए 'ऑपरेशन सिंधु' शुरू किया गया है। इस लेख में हम जानेंगे कि भारतीय छात्र ईरान में मेडिकल शिक्षा क्यों लेते हैं, और किन प्रमुख विश्वविद्यालयों में पढ़ाई कर रहे हैं। इसके अलावा, हम यह भी देखेंगे कि ईरान में पढ़ाई के लिए छात्रों को किन कारणों से आकर्षित किया जाता है।
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ईरान में मेडिकल शिक्षा: भारतीय छात्रों की सुरक्षित निकासी

ईरान में मेडिकल शिक्षा की स्थिति

ईरान में मेडिकल शिक्षा: ईरान और इजरायल के बीच चल रहे संघर्ष ने वैश्विक तनाव को बढ़ा दिया है, जिसका प्रभाव भारत पर भी पड़ रहा है। इस बीच, इजरायल के हवाई हमलों के कारण ईरान में भारतीय छात्र और नागरिक फंसे हुए हैं, जिन्हें सुरक्षित निकालने के लिए 'ऑपरेशन सिंधु' शुरू किया गया है। इस अभियान के तहत 110 भारतीय छात्रों को भारत लाया गया है। ये छात्र पहले तेहरान से सड़क मार्ग से अर्मेनिया पहुंचे और फिर वहां से विमान द्वारा भारत आए।


छात्रों की मेडिकल पढ़ाई

ईरान से लौटने वाले छात्र मेडिकल की पढ़ाई कर रहे थे। ईरान और इजरायल के बीच चल रहे संघर्ष के कारण उन्हें अपनी पढ़ाई बीच में छोड़नी पड़ी। अब सवाल यह उठता है कि भारतीय छात्र मेडिकल की पढ़ाई के लिए ईरान क्यों जाते हैं। भारत सरकार के आंकड़ों के अनुसार, ईरान में 10,000 से अधिक भारतीय नागरिक रहते हैं, जिनमें से 1,500 से ज्यादा छात्र मेडिकल शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। इनमें से अधिकांश छात्र जम्मू-कश्मीर से हैं।


ईरान की प्रमुख मेडिकल यूनिवर्सिटीज

ईरान की इन यूनिवर्सिटी में पढ़ते हैं भारतीय छात्र

ईरान में एमबीबीएस के लिए कई प्रमुख संस्थान हैं, जैसे शाहिद बेहेश्टी यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल साइंसेज, इस्लामिक आजाद यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल साइंसेज, और तेहरान यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल साइंसेज। ये संस्थान भारतीय छात्रों के बीच काफी लोकप्रिय हैं।


ईरान में पढ़ाई के चार मुख्य कारण

इन 4 कारणों की वजह से भारत की बजाय ईरान में पढ़ते हैं भारतीय छात्र

भारत में मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश के लिए नीट परीक्षा पास करना अनिवार्य है। भारत में लगभग एक लाख मेडिकल सीटें हैं, जबकि हर साल 20 लाख से अधिक छात्र नीट देते हैं। इस कारण कई छात्रों को विदेश जाने की आवश्यकता होती है। इसके अलावा, भारत के निजी मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस की लागत 50 लाख से 1 करोड़ रुपये तक होती है, जबकि ईरान में यह 15 से 25 लाख रुपये के बीच है। रहने और खाने का खर्च भी अपेक्षाकृत कम है।


ईरान में अध्ययन के लाभ

ईरान के मेडिकल विश्वविद्यालयों में प्रवेश NEET के आधार पर होता है, जिससे छात्रों को कई अन्य परीक्षाओं का सामना नहीं करना पड़ता। यहां की प्रवेश प्रक्रिया भी सरल है, जिससे भारतीय छात्रों को आसानी से दाखिला मिल जाता है। इसके अलावा, विदेश में पढ़ाई करने से छात्रों को अंतरराष्ट्रीय अनुभव मिलता है और वे विभिन्न देशों के छात्रों के साथ पढ़ाई कर सकते हैं।