ईवीएम वोटों की पहली बार हुई री-काउंटिंग में मोहित मलिक बने सरपंच

सुप्रीम कोर्ट में ईवीएम वोटों की गिनती
हरियाणा के पानीपत से मोहित मलिक की कहानी
पानीपत के मोहित मलिक ने 33 महीने की कानूनी लड़ाई के बाद अपने गांव की चौधर हासिल की। सुप्रीम कोर्ट में ईवीएम के वोटों की दोबारा गिनती के बाद उन्हें विजेता घोषित किया गया। इस 15 अगस्त को उन्होंने गांव में तिरंगा फहराकर आजादी का जश्न मनाया, जो अपने आप में एक विशेष घटना है।
यह पहली बार है जब सुप्रीम कोर्ट में ईवीएम वोटों की गिनती की गई और परिणाम बदल गए। मोहित की जीत की गूंज बिहार विधानसभा चुनावों तक सुनाई दे रही है। यह मामला पानीपत जिले की बुआना लाखु पंचायत से संबंधित है, जहां नवंबर 2022 में सरपंच पद के लिए चुनाव हुए थे।
चुनाव परिणामों में बदलाव
गिनती के बाद, पीठासीन अधिकारी ने कुलदीप मलिक को 51 वोट से विजेता घोषित किया। लेकिन साढ़े 4 घंटे बाद मोहित को विजेता बताया गया। हालांकि, बाद में हाईकोर्ट के फैसले के अनुसार कुलदीप मलिक को सरपंच घोषित किया गया।

सरपंच बनने का नोटिफिकेशन
मामला पिछले महीने 11 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा। 11 अगस्त को कोर्ट के निर्णय के बाद, 13 अगस्त को राज्य चुनाव आयोग ने मोहित को सरपंच बनने का नोटिफिकेशन जारी किया। 14 अगस्त को मोहित को जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी ने पद की शपथ दिलाई। 15 अगस्त को उन्होंने गांव में ध्वजारोहण किया।
तेजस्वी यादव की प्रतिक्रिया
हालांकि यह एक पंचायत का चुनाव था, लेकिन इसकी गूंज बिहार चुनावों तक पहुंच रही है। राजद नेता तेजस्वी यादव ने इस मामले पर टिप्पणी की, जिसमें उन्होंने कहा कि हारा हुआ प्रत्याशी जीत गया, लेकिन उसके कार्यकाल के तीन साल ईवीएम की कृपा से कोई और फर्जी सरपंच रहा।
पानीपत के बुआना लाखु का चुनाव
हरियाणा में अक्टूबर-नवंबर 2022 में पंचायत चुनाव हुए थे। बुआना लाखु में 2 नवंबर को वोटिंग हुई थी। 5,076 वोटरों वाले गांव में सरपंच पद के लिए 7 प्रत्याशी मैदान में थे। मुख्य मुकाबला पूर्व सरपंच कुलदीप और मोहित के बीच था।
हाईकोर्ट का निर्णय
कुलदीप मलिक ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की, जिसमें उन्होंने कहा कि वह विधिवत रूप से निर्वाचित सरपंच हैं। हाईकोर्ट ने मोहित का विजेता सर्टिफिकेट रद्द कर दिया और कुलदीप को विधिवत सरपंच घोषित किया।
सुप्रीम कोर्ट में जीत
मोहित ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की, जहां कोर्ट ने ईवीएम को खोलकर दोबारा गिनती के निर्देश दिए। इस बार मोहित 51 वोट से विजेता बने, उनके पक्ष में 1,051 वोट गिने गए। सुप्रीम कोर्ट ने मोहित के सरपंच बनने का नोटिफिकेशन जारी करने का आदेश दिया।