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उज्जैन के अनोखे मंदिर में भक्त मांगते हैं मोक्ष की प्रार्थना

मध्य प्रदेश के उज्जैन में एक अनोखा मंदिर है, जहां भक्त अपनी और अपने प्रियजनों की मृत्यु की प्रार्थना करते हैं। इस मंदिर में धर्मराज और चित्रगुप्त की पूजा की जाती है, और श्रद्धालुओं का मानना है कि यहां की प्रार्थना से उन्हें मोक्ष या स्वास्थ्य लाभ मिलता है। जानें इस मंदिर की विशेषताओं और मान्यताओं के बारे में।
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उज्जैन के अनोखे मंदिर में भक्त मांगते हैं मोक्ष की प्रार्थना

उज्जैन: महाकाल की नगरी

मध्य प्रदेश, उज्जैन मंदिर: उज्जैन को महाकाल की नगरी के रूप में जाना जाता है, जहां भगवान शिव की उपस्थिति हर जगह महसूस होती है। यहां शिप्रा नदी के किनारे एक ऐसा मंदिर है, जिसकी मान्यता सुनकर लोग चकित रह जाते हैं। आमतौर पर लोग मंदिरों में लंबी उम्र, स्वास्थ्य, खुशी और समृद्धि के लिए प्रार्थना करते हैं, लेकिन उज्जैन में एक ऐसा मंदिर भी है, जहां भक्त अपनी और अपने प्रियजनों की 'मृत्यु' की कामना करते हैं।


24 घंटे में पूरी होती है इच्छा

उज्जैन के रामघाट पर धर्मराज और चित्रगुप्त का एक मंदिर है, जिसे भारत का एकमात्र ऐसा मंदिर माना जाता है, जहां भक्त मोक्ष या मृत्यु की प्रार्थना करते हैं। श्रद्धालुओं का मानना है कि यदि कोई व्यक्ति असहनीय दर्द में है और जीवन-मृत्यु के बीच संघर्ष कर रहा है, तो इस मंदिर में पूजा करने से उसे चमत्कारिक स्वास्थ्य लाभ मिल सकता है या फिर 24 घंटे के भीतर शांति से मोक्ष प्राप्त होता है।


धर्मराज और चित्रगुप्त की पूजा

इस मंदिर में धर्मराज और चित्रगुप्त देवताओं की पूजा की जाती है। पूजा के बाद उन्हें घी का दीपक अर्पित किया जाता है। मान्यता है कि इस मंदिर में पूजा और दीपक जलाने से भक्त को धर्मराज और चित्रगुप्त का आशीर्वाद मिलता है, जिससे उनकी समस्याओं का समाधान होता है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, यहां नियमित पूजा होती है और बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं।


धर्मराज और चित्रगुप्त हिंदू धर्म के ऐसे देवता हैं, जो मृत्यु के बाद आत्मा का लेखा-जोखा रखते हैं। धर्मराज को मृत्यु का देवता माना जाता है, जबकि चित्रगुप्त यमराज के सहायक हैं, जो सभी जीवों के कर्मों का हिसाब रखते हैं। इसीलिए, इस मंदिर में मृत्यु की प्रार्थना को मोक्ष की कामना के रूप में देखा जाता है।