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उज्जैन में सिंहस्थ 2028 के लिए नया फोरलेन मार्ग निर्माण

उज्जैन में सिंहस्थ 2028 की तैयारी के तहत एक नया फोरलेन मार्ग निर्माण की योजना बनाई गई है। यह मार्ग श्रद्धालुओं के लिए महाकालेश्वर मंदिर से शिप्रा नदी के रामघाट तक आसान आवागमन सुनिश्चित करेगा। 1.2 किलोमीटर लंबा और 24.46 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाला यह मार्ग, भीड़ प्रबंधन और श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए महत्वपूर्ण होगा। कलेक्टर ने बताया कि इस मार्ग के निर्माण से कई सुविधाएं मिलेंगी, जिससे विशेष अवसरों पर भीड़ नियंत्रण में मदद मिलेगी।
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उज्जैन में सिंहस्थ 2028 के लिए नया फोरलेन मार्ग निर्माण

उज्जैन में फोरलेन मार्ग का निर्माण


MP News: उज्जैन में सिंहस्थ 2028 की तैयारी के तहत एक महत्वपूर्ण विकास कार्य शुरू होने जा रहा है। श्री महाकालेश्वर मंदिर से शिप्रा नदी के रामघाट तक श्रद्धालुओं के लिए एक नया फोरलेन मार्ग बनाने की स्वीकृति शासन द्वारा दी गई है। यह मार्ग महाकाल मार्ग-महाराजवाड़ा चौराहा से हरसिद्धि मंदिर चौराहा होते हुए शिप्रा नदी तक जाएगा।


फोरलेन की लंबाई और लागत


इस प्रस्तावित फोरलेन मार्ग की कुल लंबाई 1.2 किलोमीटर होगी, और इसकी अनुमानित लागत 24.46 करोड़ रुपये निर्धारित की गई है। हाल ही में इस परियोजना को शासन से स्वीकृति मिली है, और नोडल एजेंसी यूडीए ने इसके कार्यान्वयन की प्रक्रिया शुरू कर दी है।


मार्ग की चौड़ाई


इस मार्ग को 24 मीटर चौड़ा किया जाएगा, ताकि भीड़भाड़ के समय सुगम आवागमन सुनिश्चित किया जा सके। वर्तमान में, यह मार्ग त्योहारों और विशेष अवसरों पर संकरा हो जाता है, जिससे जाम की स्थिति उत्पन्न होती है। फोरलेन में सड़क के विस्तार के साथ-साथ सौंदर्यीकरण और सुविधाओं पर भी ध्यान दिया जाएगा, जिसमें रंगरोगन, डिवाइडर, पौधारोपण, लाइटिंग और बैठने के लिए बेंच शामिल हैं, जिससे श्रद्धालुओं को बेहतर अनुभव मिल सके।


कलेक्टर का बयान


उज्जैन के कलेक्टर रोशनकुमार सिंह ने कहा, “यह मार्ग महाराजवाड़ा चौराहा से हरसिद्धि मंदिर होते हुए शिप्रा नदी तक श्री महाकालेश्वर मंदिर और रामघाट को सीधे जोड़ता है। श्रद्धालुओं की सुविधा और भीड़ प्रबंधन के लिए इसका फोरलेन होना अत्यंत आवश्यक था। शासन से इसकी स्वीकृति मिल चुकी है और कार्य तेजी से आगे बढ़ेगा।”


फोरलेन के लाभ


फोरलेन मार्ग के निर्माण से श्रद्धालुओं को कई सुविधाएं मिलेंगी। इस मार्ग की दो लेन आगमन और दो लेन प्रस्थान के लिए व्यवस्थित की जाएंगी, जिससे आवागमन में रुकावट नहीं होगी। भीड़भाड़ के समय बेहतर प्रबंधन के लिए तीसरी लेन वीआईपी मूवमेंट और चौथी लेन आपातकालीन सेवाओं के लिए आरक्षित की जा सकती है। विशेष रूप से सिंहस्थ जैसे बड़े आयोजनों और अन्य पर्व स्नानों के दौरान, यह फोरलेन भीड़ नियंत्रण में मदद करेगा। इसके अलावा, श्रद्धालुओं को शिप्रा स्नान और महाकाल दर्शन के लिए आसान और सुगम रास्ता मिलेगा।