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उत्तर प्रदेश के शिक्षामित्रों की आर्थिक स्थिति पर चिंता, मानदेय में वृद्धि की मांग

उत्तर प्रदेश के शिक्षामित्रों की आर्थिक स्थिति पिछले आठ वर्षों से स्थिर मानदेय के कारण बिगड़ रही है। संगठन ने मुख्यमंत्री से मिलने का प्रयास किया है ताकि उनकी समस्याओं का समाधान हो सके। शिक्षामित्रों को आयुष्मान कार्ड का लाभ भी नहीं मिल पाया है। इस स्थिति को लेकर शिक्षामित्र संघ ने सरकार से तत्काल कार्रवाई की मांग की है।
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उत्तर प्रदेश के शिक्षामित्रों की आर्थिक स्थिति पर चिंता, मानदेय में वृद्धि की मांग

शिक्षामित्रों की समस्याएं और मांगें

लखनऊ। उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के प्रदेश मंत्री कौशल कुमार सिंह ने बताया कि राज्य के परिषदीय विद्यालयों में कार्यरत लगभग 1.43 लाख शिक्षामित्रों को पिछले आठ वर्षों से मानदेय में कोई वृद्धि नहीं मिली है।

संगठन ने मानदेय बढ़ाने के लिए प्रदेश के सभी सरकारी प्रतिनिधियों और अधिकारियों के माध्यम से अपनी समस्याओं को सरकार तक पहुँचाने का प्रयास किया है। हालांकि, समय-समय पर आश्वासन मिलने के बावजूद कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है, जिससे शिक्षामित्रों की आर्थिक स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है। पिछले छह महीनों से संघ ने मुख्यमंत्री से मिलने का प्रयास किया है ताकि अपनी समस्याओं को सीधे उनके समक्ष रखा जा सके, लेकिन अभी तक मुख्यमंत्री ने मिलने का समय नहीं दिया है।

अधिकांश शिक्षामित्र स्वास्थ्य समस्याओं का सामना कर रहे हैं। मुख्यमंत्री द्वारा शिक्षामित्रों को आयुष्मान कार्ड देने की घोषणा की गई थी, लेकिन इस पर विभागीय स्तर पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है। संगठन ने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया है कि वे संगठन के पदाधिकारियों को मिलने का समय दें और मानदेय वृद्धि के साथ-साथ आयुष्मान कार्ड का लाभ शीघ्र प्रदान करें।