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उत्तर प्रदेश पुलिस का जन्माष्टमी पर सख्त आदेश: चंदा और अशोभनीय कार्यक्रमों पर रोक

उत्तर प्रदेश पुलिस ने श्री कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर एक सख्त आदेश जारी किया है, जिसमें चंदा लेने और अशोभनीय कार्यक्रमों पर रोक लगाने की बात कही गई है। डीजीपी राजीव कृष्णा ने सभी अधिकारियों को निर्देश दिया है कि इस पर्व को गरिमा और शालीनता के साथ मनाया जाए। यह कदम पुलिस की छवि को सुधारने और जनता के बीच विश्वास को बढ़ाने के लिए उठाया गया है। जानें इस आदेश के महत्व और इसके पीछे की सोच।
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उत्तर प्रदेश पुलिस का जन्माष्टमी पर सख्त आदेश: चंदा और अशोभनीय कार्यक्रमों पर रोक

उत्तर प्रदेश पुलिस का सख्त निर्देश

उत्तर प्रदेश समाचार: उत्तर प्रदेश पुलिस मुख्यालय ने एक महत्वपूर्ण आदेश जारी किया है। श्री कृष्ण जन्माष्टमी, जो इस वर्ष 16 अगस्त को मनाई जाएगी, के संदर्भ में पुलिस महानिदेशक (DGP) राजीव कृष्णा ने सभी पुलिस आयुक्तों, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों और अन्य अधिकारियों को निर्देशित किया है कि इस पर्व को पूरी गरिमा और शालीनता के साथ मनाया जाए। डीजीपी ने स्पष्ट किया है कि जन्माष्टमी के नाम पर किसी भी प्रकार का चंदा जनता से नहीं लिया जाएगा, और न ही पुलिसकर्मियों के वेतन में कोई जबरन कटौती की जाएगी।


डीजीपी के आदेश के अनुसार, जन्माष्टमी समारोह के लिए किसी भी व्यक्ति या संगठन से चंदा लेना पूरी तरह से निषिद्ध है। यह निर्णय पुलिस की छवि को बनाए रखने और जनता के बीच विश्वास को बढ़ाने के लिए लिया गया है। यह कदम पारदर्शिता और नैतिकता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से उठाया गया है। हालांकि, पुलिस विभाग में इस तरह के निर्देश पहले भी दिए गए हैं, लेकिन इस बार इसे सख्ती से लागू करने पर जोर दिया गया है।


अशोभनीय कार्यक्रमों पर भी लगेगी रोक


डीजीपी राजीव कृष्णा ने एक और महत्वपूर्ण निर्देश दिया है कि जन्माष्टमी के अवसर पर किसी भी प्रकार का अशोभनीय या अश्लील नृत्य कार्यक्रम आयोजित नहीं किया जाएगा। उन्होंने सभी संबंधित अधिकारियों को आदेश दिया है कि वे पहले से होने वाले सभी कार्यक्रमों की निगरानी करें और सुनिश्चित करें कि किसी भी मंच पर अश्लील संवाद या नृत्य न हो।


DGP के निर्देशों का महत्व


यह निर्देश सांस्कृतिक गरिमा को बनाए रखने और सार्वजनिक स्थानों पर होने वाले कार्यक्रमों की मर्यादा सुनिश्चित करने के लिए जारी किया गया है। पुलिस विभाग को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है कि जन्माष्टमी का पर्व परंपरागत और हर्षोल्लास के साथ मनाया जाए, लेकिन इसकी शालीनता और सम्मान को कोई ठेस न पहुंचे। डीजीपी का यह आदेश पुलिस की छवि सुधारने के प्रयास के साथ-साथ धार्मिक त्योहारों के आयोजन को सम्मानपूर्वक सुनिश्चित करने का भी संकेत है। यह आदेश दर्शाता है कि पुलिस विभाग समाज के सामने एक जिम्मेदार और पारदर्शी इकाई के रूप में अपनी पहचान बनाना चाहता है।