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उत्तर प्रदेश में 2027 विधानसभा चुनाव की तैयारी में बीजेपी की नई रणनीति

उत्तर प्रदेश में 2027 के विधानसभा चुनावों की तैयारी में भारतीय जनता पार्टी ने अपनी रणनीति को मजबूत किया है। पार्टी ने 2022 के चुनाव परिणामों का गहन विश्लेषण किया है और हारने वाली सीटों को विभिन्न श्रेणियों में बांटकर उन पर ध्यान केंद्रित किया है। बीजेपी का लक्ष्य हर क्षेत्र में जीत सुनिश्चित करना है, खासकर उन सीटों पर जहां पिछली बार हार का सामना करना पड़ा था। जानें पार्टी की नई रणनीति और बूथ स्तर तक संगठन को मजबूत करने की योजना के बारे में।
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बीजेपी की चुनावी तैयारी

उत्तर प्रदेश में 2027 के विधानसभा चुनावों के लिए भारतीय जनता पार्टी ने अपनी तैयारियों को तेज कर दिया है। पार्टी के सूत्रों के अनुसार, संगठन ने 2022 के चुनाव परिणामों का गहन विश्लेषण किया है और सीटों को विभिन्न श्रेणियों में वर्गीकृत किया है ताकि हर क्षेत्र में जीत सुनिश्चित की जा सके। इस बार बीजेपी ने उन सीटों पर विशेष ध्यान देने का निर्णय लिया है जहां पिछली बार उसे हार का सामना करना पड़ा था।


2022 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 370 सीटों पर उम्मीदवार खड़े किए थे, जिनमें से 255 सीटों पर उसे जीत मिली थी। अब पार्टी का लक्ष्य मजबूत सीटों पर अपनी पकड़ बनाए रखना और कमजोर क्षेत्रों में संगठन को नई ऊर्जा प्रदान करना है।


पार्टी ने हार का सामना करने वाली सीटों को छह श्रेणियों में बांटा है। श्रेणी A में वे सीटें हैं जहां बीजेपी 2022 में दूसरे स्थान पर रही। यहां पन्ना प्रमुखों को सक्रिय करने का कार्य शुरू हो चुका है। श्रेणी B में वे सीटें हैं जहां पार्टी तीसरे स्थान पर रही थी। यहां संभावित उम्मीदवारों की रिपोर्ट तैयार की जाएगी।


रायबरेली, मैनपुरी और आज़मगढ़ जैसी परंपरागत सपा-कांग्रेस गढ़ वाली सीटें श्रेणी C में आती हैं, जहां वरिष्ठ पदाधिकारी लगातार सक्रिय रहेंगे। श्रेणी D में वे स्थान हैं जहां 2022 में हार मिली लेकिन उपचुनाव में जीत हासिल की गई। श्रेणी E में सहयोगी दलों की हारी सीटें शामिल हैं, जबकि श्रेणी F में मुस्लिम बहुल निर्वाचन क्षेत्र हैं जहां पार्टी पिछली बार हार गई थी।


बीजेपी ने जीती हुई सीटों को भी चार श्रेणियों में वर्गीकृत किया है। इनमें से श्रेणी A में भारी बहुमत से जीती सीटें हैं, जबकि श्रेणी B में वे क्षेत्र हैं जो 2017 में हारे थे लेकिन 2022 में जीत गए।


इस पूरे अभियान का उद्देश्य 2027 तक प्रत्येक सीट पर बूथ स्तर तक संगठन को पूरी तरह से तैयार करना है। पार्टी का इरादा है कि इस बार 2022 की किसी भी चूक को न दोहराया जाए।