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उत्तर प्रदेश में अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति घोटाला: 1.56 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का खुलासा

उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले में अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति से जुड़े एक बड़े घोटाले का खुलासा हुआ है, जिसमें 1.56 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का आरोप है। जांच में 47 संस्थानों के 1832 फर्जी आवेदनों का पता चला है। अब तक 75 संस्थान प्रमुखों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। इस मामले में आगे की जांच जारी है, जिससे और भी साक्ष्य सामने आ सकते हैं।
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उत्तर प्रदेश में अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति घोटाला: 1.56 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का खुलासा

उत्तर प्रदेश में छात्रवृत्ति घोटाले का मामला

Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले में अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति से जुड़ा एक बड़ा घोटाला सामने आया है। जांच में 47 संस्थानों पर 1.56 करोड़ रुपये की छात्रवृत्ति में धोखाधड़ी का आरोप लगा है। यह छात्रवृत्ति भारत सरकार द्वारा अल्पसंख्यक छात्रों को प्रदान की जाती है। घोटाले का मामला उजागर होने के बाद अब कार्रवाई शुरू हो गई है। अब तक 75 संस्थान प्रमुखों के खिलाफ धारा 409 और 477A के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।


फर्जी आवेदन के माध्यम से धन का गबन

यह ध्यान देने योग्य है कि भारत सरकार हर वर्ष अल्पसंख्यक छात्रों के लिए छात्रवृत्ति के लिए बजट भेजती है, लेकिन 2021-22 और 2022-24 सत्र में 1.46 करोड़ रुपये का घोटाला हुआ। जो धन अल्पसंख्यक छात्रों की छात्रवृत्ति के लिए संस्थानों में भेजा गया था, उसे संस्थान के प्रमुखों ने हड़प लिया। जब यह मामला सामने आया, तो सीडीओ ने 5 जनपद स्तरीय अधिकारियों की एक टीम को जांच के लिए नियुक्त किया। जांच में कई महत्वपूर्ण खुलासे हुए। लगभग 50 संस्थानों की जांच की गई, जिनमें से 47 में 1832 छात्रों के आवेदन फर्जी पाए गए। इन फर्जी आवेदनों के माध्यम से प्राप्त धन को संस्थान के प्रमुखों ने गबन कर लिया।


75 लोगों के खिलाफ कार्रवाई

सूत्रों के अनुसार, जब सभी 50 संस्थानों की जांच पूरी हुई, तो वक्फ निरीक्षक इफ्तेखार आलम ने 75 लोगों के खिलाफ कोतवाली में तहरीर दी। तहरीर के आधार पर बस्ती सफर कोतवाली में 75 एचओई के खिलाफ धारा 409 और 477A के तहत मुकदमा दर्ज किया गया।


1.46 करोड़ रुपये का छात्रवृत्ति घोटाला

वक्फ निरीक्षक इफ्तेखार आलम ने बताया कि 50 संस्थानों के छात्रों की सूची जांच के लिए प्राप्त हुई थी। सभी संस्थानों की जांच की गई और इनमें से 47 संस्थानों में 1832 छात्र और छात्राएं ऐसे मिले जिनका आवेदन फर्जी पाया गया। फर्जी आवेदन के माध्यम से 1.46 करोड़ रुपये की छात्रवृत्ति का घोटाला किया गया। निदेशक अल्पसंख्यक कल्याण के आदेश पर अनियमितता करने वालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है।


जांच के बाद की जाएगी कार्रवाई

सीओ सत्येंद्र भूषण तिवारी ने बताया कि वक्फ निरीक्षक द्वारा एक तहरीर दी गई थी। तहरीर में 1800 से अधिक छात्रों के नाम पर फर्जी तरीके से धन निकाला गया था। बताया जा रहा है कि तहरीर के आधार पर 75 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है। विवेचना के दौरान जो साक्ष्य सामने आएंगे, उनके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।