उत्तर प्रदेश में आईटी सिटी योजना: किसानों को मिलेगा 10 गुना लाभ

उत्तर प्रदेश में आईटी सिटी योजना का लाभ
उत्तर प्रदेश समाचार: आईटी सिटी और वैलनेस सिटी योजनाओं के तहत किसानों को भूमि अधिग्रहण के लिए 10 गुना अधिक लाभ मिलने की उम्मीद है। राजधानी में इन योजनाओं के लिए भूमि देने वाले किसानों को विशेष लाभ मिलेगा। भूमि मालिकों को केवल 20 प्रतिशत विकसित आवासीय क्षेत्र या 25 प्रतिशत अविकसित क्षेत्र मिलेगा, जो वर्तमान में दी जा रही राशि से 10 गुना अधिक लाभकारी होगा।
भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया
बुधवार को सुलतानपुर रोड पर प्रस्तावित आईटी सिटी योजना का निरीक्षण एलडीए के उपाध्यक्ष ने किया। इस दौरान, उन्होंने भू-मालिकों को लैंड पूलिंग के लाभों के बारे में जानकारी देने और विकास प्रक्रिया को तेज करने का निर्देश दिया। उनका कहना था कि सुलतानपुर रोड और किसान पथ के बीच लगभग 2,858 एकड़ क्षेत्र में आईटी सिटी का निर्माण किया जाएगा। इसके लिए मोहनलालगंज तहसील के ग्राम बक्कास, सोनई कंजेहरा, सिकन्दरपुर अमोलिया, सिद्धपुरा, परेहटा, पहाड़नगर टिकरिया, रकीबाबाद, मोहारी खुर्द, खुजौली और भटवारा क्षेत्र की भूमि का अधिग्रहण किया जाएगा।
5,000 आवासीय भूखंडों की उपलब्धता
आईटी सिटी योजना की बेहतरीन सड़क कनेक्टिविटी लोगों के लिए फायदेमंद साबित होगी। इस योजना में लगभग 5,000 आवासीय भूखंड बनाए जाएंगे, जिनका क्षेत्रफल 72 वर्गमीटर से 200 वर्गमीटर तक होगा। इसके अलावा, उद्यमों के लिए लगभग 445.65 एकड़ और व्यावसायिक गतिविधियों के लिए 260 एकड़ क्षेत्र आरक्षित किया जाएगा। साथ ही, 200 एकड़ की ग्रीन बेल्ट और 15 एकड़ में फैली जल निकाय योजना पर्यावरण के अनुकूल होगी।
भूमि पूलिंग से किसानों को लाभ
उपाध्यक्ष ने बताया कि भूमि पूलिंग नीति आईटी सिटी के किसानों को कई गुना अधिक लाभ प्रदान करेगी। उदाहरण के लिए, मोहारी खुर्द गांव में भूमि का डीएम सर्किल रेट लगभग 8 लाख रुपये प्रति बीघा है। यदि किसान को चार गुना मुआवजा मिलता है, तो भी उन्हें केवल 32 लाख रुपये मिलेंगे। योजना के तहत 25 प्रतिशत विकसित आवासीय भूमि (6800 वर्गफीट) किसानों को दी जाएगी, जो पूरी भूमि निःशुल्क देते हैं, लैंड पूलिंग नीति के तहत। इसकी लागत तीन करोड़ रुपये से अधिक होगी। किसान इस योजना से कई गुना अधिक लाभ प्राप्त करेंगे।
350 बीघा भूमि के लिए आवेदन
वेलनेस सिटी योजना में शामिल होने वाले ग्राम-दुलारमऊ में भूमि का डीएम सर्किल रेट लगभग 15.75 लाख रुपये प्रति बीघा है। उपाध्यक्ष ने बताया कि यहां भूमि के लिए लगभग 63 लाख रुपये का भुगतान किया जाएगा। जबकि भूमि पूलिंग से लगभग पांच गुना अधिक लाभ मिलेगा। भूमि पूलिंग नीति के तहत भूमि देने वाले किसानों से एक सरल और पारदर्शी प्रक्रिया के माध्यम से पक्का अनुबंध किया जा रहा है। इसके तहत भूमि मालिकों और प्राधिकरणों के बीच रजिस्टर्ड अधिग्रहण होते हैं। दोनों योजनाओं के लिए भूमि पूलिंग से लगभग 350 बीघा भूमि प्राप्त हुई है।