उत्तर प्रदेश में एक्सप्रेसवे परियोजनाओं से जमीन की कीमतों में वृद्धि

उत्तर प्रदेश में भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया
उत्तर प्रदेश समाचार: उत्तर प्रदेश में जब भी नए एक्सप्रेसवे, लिंक रोड या हाईवे परियोजनाएं प्रस्तावित होती हैं, तो उन क्षेत्रों में भूमि की कीमतों में तेजी से वृद्धि होती है। विशेष रूप से, जब किसी नए एक्सप्रेसवे का निर्माण होता है और उससे पहले सर्किल रेट में वृद्धि की जाती है, तो स्थानीय किसान और भूमि मालिक इसका लाभ उठाते हैं। प्रशासन किसानों को मुआवजा देकर भूमि अधिग्रहण की योजना बना रहा है, लेकिन कई ग्रामीण किसान अपनी भूमि देने के लिए तैयार नहीं हैं। इस स्थिति में, सर्किल दरों में वृद्धि के लिए गांवों का सर्वेक्षण करने का आदेश दिया गया है।
किसानों को मुआवजा देने की योजना
किसानों को मुआवजा:
मैनपुरी प्रशासन सरकारी परियोजनाओं के लिए भूमि अधिग्रहण से पहले सर्किल रेट बढ़ाने की योजना बना रहा है। जिन क्षेत्रों में पिछली बार दरें नहीं बढ़ाई गई थीं, वहां सर्किल रेट में वृद्धि की जाएगी। नई दरों के लिए आपत्तियां मांगी जाएंगी और आपत्तियों के निस्तारण के बाद इन्हें लागू किया जाएगा। प्रशासन किसानों को मुआवजा देकर उनकी भूमि खरीदने की योजना बना रहा है, लेकिन कई किसान इस वर्ष बढ़ाए गए सर्किल रेट में अपने गांव का नाम न होने का दावा कर रहे हैं।
भूमि अधिग्रहण के लिए सर्वेक्षण
किसानों से समझौते के तहत भूमि अधिग्रहण:
डीएम अंजनी कुमार सिंह ने निर्णय लिया है कि गांवों में भूमि के सर्किल रेट में कोई बदलाव नहीं हुआ है, इसलिए उनका सर्वेक्षण किया जाएगा। न केवल लिंक एक्सप्रेसवे, बल्कि अन्य सरकारी परियोजनाओं के लिए अधिग्रहित भूमि का सर्वेक्षण कर सर्किल रेट बढ़ाया जाएगा। नई दरों पर मुआवजा देकर किसानों से समझौते के तहत भूमि ली जाएगी, इसके बाद ही आगे की प्रक्रिया शुरू होगी।
सर्वेक्षण की समयसीमा
एक सप्ताह में सर्वेक्षण की पुष्टि:
लिंक एक्सप्रेसवे के लिए तहसील भोगांव के 11 गांवों के 450 से अधिक किसानों की भूमि का अधिग्रहण किया जाएगा। लेखपालों को गाटा सत्यापन कार्य को एक सप्ताह में पूरा करने का निर्देश दिया गया है। यूपीडा को सत्यापन के बाद पूरी रिपोर्ट भेजी जाएगी। निर्माणाधीन गंगा एक्सप्रेसवे को आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे से जोड़ने वाले 92 किमी लंबे लिंक एक्सप्रेसवे के निर्माण से भोगांव तहसील क्षेत्र के 11 गांवों की भूमि प्रभावित होगी।