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उत्तर प्रदेश में दिव्यांगजनों के लिए भरण-पोषण भत्ते में वृद्धि

उत्तर प्रदेश सरकार ने दिव्यांगजनों के लिए भरण-पोषण भत्ते को 2000 रुपये से बढ़ाकर 4000 रुपये कर दिया है। यह नई व्यवस्था विशेष विद्यालयों में रह रहे दिव्यांग व्यक्तियों के लिए लागू की गई है। इसके साथ ही, आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए एक विशेष रोजगार अभियान भी शुरू किया गया है। जानें इस योजना के बारे में और कैसे यह दिव्यांगजनों के जीवन में बदलाव लाएगी।
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दिव्यांगजनों के लिए नई भरण-पोषण भत्ता योजना

उत्तर प्रदेश सरकार ने दिव्यांगजनों की भलाई के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। अब राज्य के विशेष विद्यालयों और संस्थानों में रहने वाले दिव्यांग व्यक्तियों को पहले की तुलना में दोगुना भरण-पोषण भत्ता मिलेगा। पहले यह राशि 2000 रुपये प्रति माह थी, जिसे बढ़ाकर 4000 रुपये कर दिया गया है। यह नई व्यवस्था बुधवार से लागू हो चुकी है।


राज्य के दिव्यांगजन सशक्तीकरण एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण राज्यमंत्री नरेंद्र कश्यप ने इस निर्णय की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में दिव्यांगजनों के लिए लगातार नीतिगत सुधार किए जा रहे हैं। मंत्री ने कहा कि यह आर्थिक सहायता केवल एक राशि नहीं है, बल्कि सरकार की संवेदनशीलता का प्रतीक है, जो दिव्यांग बच्चों और उनके परिवारों के लिए राहत लाएगी।


इस निर्णय को लागू करने के लिए प्रमुख सचिव सुभाष चंद्र शर्मा ने एक नया शासनादेश जारी किया है। यह आदेश पुराने शासनादेश में संशोधन करते हुए लाया गया है, जिसे 25 अप्रैल 2016 को लागू किया गया था। आदेश के तहत मंडलायुक्तों, जिलाधिकारियों, विशेष विद्यालयों के प्रमुखों, जिला दिव्यांगजन अधिकारियों, प्रशिक्षण संस्थानों और अन्य संबंधित विभागों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं ताकि सभी लाभार्थियों को यह सहायता समय पर मिल सके।


दिव्यांगजनों को केवल आर्थिक सहायता ही नहीं, बल्कि आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में भी राज्य सरकार ने विशेष पहल की है। उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन द्वारा 6 से 13 अगस्त के बीच एक विशेष रोजगार अभियान शुरू किया गया है। मिशन निदेशक पुलकित खरे ने बताया कि इस अभियान के माध्यम से उन दिव्यांगजनों को रोजगार से जोड़ा जाएगा, जिन्होंने आईटीआई या अन्य कौशल विकास केंद्रों से प्रशिक्षण प्राप्त किया है।