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उत्तर प्रदेश में नई रेलवे लाइन का निर्माण, क्षेत्र की कनेक्टिविटी में सुधार

उत्तर प्रदेश में योगी सरकार ने नई रेलवे लाइन के निर्माण की घोषणा की है, जो 52 किलोमीटर लंबी होगी और इसमें सात नए रेलवे स्टेशनों का निर्माण किया जाएगा। यह परियोजना महराजगंज जिले में शुरू की गई है, जिससे क्षेत्र की कनेक्टिविटी में सुधार होगा। स्थानीय लोगों को इस परियोजना से विकास और रोजगार के नए अवसर मिलने की उम्मीद है। जानें इस महत्वपूर्ण परियोजना के बारे में और अधिक जानकारी।
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उत्तर प्रदेश में नई रेलवे लाइन का निर्माण, क्षेत्र की कनेक्टिविटी में सुधार

उत्तर प्रदेश में नई रेल परियोजना की शुरुआत


उत्तर प्रदेश समाचार: योगी सरकार ने बढ़ती जनसंख्या को बेहतर परिवहन सुविधाएं प्रदान करने के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं। राज्य में विभिन्न रेलवे लाइनों का निर्माण किया जा रहा है ताकि लोगों का आवागमन सुगम हो सके। अब, एक नई रेलवे लाइन का निर्माण उत्तर प्रदेश में किया जाएगा, जो 52 किलोमीटर लंबी होगी और इसमें सात रेलवे स्टेशनों का निर्माण किया जाएगा। आइए इस रेलवे लाइन के बारे में विस्तार से जानते हैं।


क्षेत्र की कनेक्टिविटी में सुधार

महराजगंज जिले के लिए एक महत्वपूर्ण परियोजना शुरू हो चुकी है।

घुघली-आनंदनगर रेल लाइन परियोजना के तहत यहां सात नए रेलवे स्टेशनों का निर्माण कार्य आरंभ हो गया है। इस परियोजना में कुल 52 किलोमीटर लंबी रेल लाइन बिछाई जाएगी, जिससे क्षेत्र की कनेक्टिविटी और भी मजबूत होगी। शुक्रवार को एलसी इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर रोहित गुप्ता और उनकी टीम ने वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ निर्माण कार्य की शुरुआत की। इसके साथ ही रेल लाइन का रूट सर्वे भी तेजी से शुरू कर दिया गया है, जिससे परियोजना को गति मिलेगी।


32 अंडरपास का निर्माण

इस परियोजना में घुघली से आनंदनगर के बीच सात स्टेशन बनाए जाएंगे।

इन स्टेशनों में आनंदनगर, महराजगंज, घुघली क्रॉसिंग, परसिया बुजुर्ग, पकड़ी नौनिया, शिकारपुर और पिपरा मुंडेरी हाल्ट शामिल हैं। परियोजना में 32 अंडरपास का निर्माण भी किया जाएगा। इस प्रोजेक्ट के शुरू होने से इन कस्बों में रहने वाले लगभग 10 लाख लोगों को राहत मिलेगी।


भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया

घुघली-आनंदनगर रेल लाइन परियोजना को 2023 में केंद्र सरकार से मंजूरी मिली थी।

इसका लक्ष्य 2027 तक पूरा करना है। लगभग 958.27 करोड़ रुपये की लागत से बन रही इस परियोजना के तहत 53 गांवों में जमीन अधिग्रहण किया जाएगा। इनमें से 29 गांवों में अब तक 86 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण पूरा हो चुका है। भूमि पूजन के बाद शनिवार से रेलवे स्टेशनों की चौहद्दी को ड्रोन की मदद से मापने का काम शुरू होगा। योजना मैनेजर रोहित गुप्ता के अनुसार, इसके बाद प्लेटफॉर्म, ट्रैक और स्टेशन भवन सहित ढांचागत निर्माण कार्य तेज गति से आगे बढ़ाया जाएगा।


स्थानीय किसानों को सूचित किया जाएगा

योजना मैनेजर ने बताया कि परियोजना के लिए रेलवे द्वारा अधिग्रहित जमीन को खाली करने का कार्य शुरू हो गया है।

रेलवे की ओर से अधिग्रहित भूमि वाले स्थानों पर नोटिस बोर्ड लगाया जाएगा। ग्राम पंचायत स्तर पर मुनादी भी कराई जाएगी। इसलिए जिन किसानों को जमीन दी गई है, वे अपनी फसल काट लें। रेलवे प्रशासन ने ग्रामीणों को पहले से ही बताया है कि निर्माण कार्य के दौरान कोई बाधा नहीं होगी।


स्थानीय लोगों की उम्मीदें

स्थानीय लोगों का मानना है कि स्टेशन के निर्माण से क्षेत्र में विकास और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। परिवहन व्यवस्था आम जनता के लिए सुलभ होने वाली है। लंबे समय से चली आ रही प्रतीक्षा अब पूरी होती दिखती है, जिससे लाखों लोगों को राहत मिलेगी।