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उत्तर प्रदेश में वन्यजीव संरक्षण के लिए नई पहलें

उत्तर प्रदेश में वन्यजीवों और ग्रामीणों की सुरक्षा के लिए कई नई पहलें शुरू की गई हैं। चेनलिंक और सोलर फेंसिंग के माध्यम से वन्यजीवों को ग्रामीण क्षेत्रों में प्रवेश से रोका जा रहा है। इसके अलावा, बाघ मित्र कार्यक्रम स्थानीय लोगों को जागरूक कर रहा है। नवीनतम तकनीकों का उपयोग करके वन क्षेत्रों की निगरानी की जा रही है, जिससे मानव-वन्यजीव संघर्ष को कम किया जा सके। जानें इन पहलों के बारे में अधिक जानकारी।
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उत्तर प्रदेश में वन्यजीव संरक्षण के लिए नई पहलें

वन्यजीवों और ग्रामीणों की सुरक्षा के लिए उपाय


उत्तर प्रदेश समाचार: यह पहल वन्यजीवों के साथ-साथ उन लोगों और उनके पालतू जानवरों की सुरक्षा सुनिश्चित करती है जो वन क्षेत्रों के आसपास रहते हैं। विभाग द्वारा प्रशिक्षित बाघ मित्र (Bagh Mitras) मानव-वन्यजीव संघर्ष को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। इसके अलावा, ट्रैकिंग उपकरण, ड्रोन कैमरे और GPS जैसी आधुनिक तकनीकों का उपयोग वन क्षेत्रों की निगरानी और पेट्रोलिंग में किया जा रहा है।


चेनलिंक और सोलर फेंसिंग का निर्माण

106 किमी चेनलिंक फेंसिंग और 20 किमी सोलर फेंसिंग FY25 में


वन एवं वन्य जीव विभाग ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दृष्टिकोण के अनुसार वन्य जीव संरक्षण के साथ-साथ आसपास के ग्रामीणों के जीवन को सुरक्षित करने के लिए कई नवाचारों की शुरुआत की है। प्रदेश के वन क्षेत्रों के चारों ओर चेनलिंक फेंसिंग का निर्माण एक प्रभावी उपाय है।


2023-24 में लगभग 125 किमी चेनलिंक फेंसिंग और 21 किमी सोलर फेंसिंग का निर्माण किया गया, जबकि 2024-25 में 106 किमी चेनलिंक फेंसिंग और 20 किमी सोलर फेंसिंग का निर्माण किया जाएगा। ये फेंसिंग वन्यजीवों को ग्रामीण क्षेत्रों में प्रवेश करने से रोकने में मदद करती हैं, जिससे फसलों और मानव जीवन को होने वाले नुकसान में कमी आती है।


बाघ मित्रों की भूमिका

"बाघ मित्र" ने मानव-वन्यजीव संघर्ष को कम किया


मानव-वन्यजीव संघर्ष को कम करने के लिए वन और वन्यजीव विभाग ने "बाघ मित्र" कार्यक्रम को लागू किया है। ये स्थानीय लोगों को जागरूक करते हैं और वन्य जीवों के साथ सुरक्षित सह-अस्तित्व को बढ़ावा देते हैं। ग्रामवासियों के साथ नियमित बैठकें आयोजित की जाती हैं, जिसमें वन्यजीवों से बचाव के उपायों पर चर्चा होती है।


Bagh Mitras विशेष रूप से टाइगर रिजर्व के आसपास के गाँवों और इटावा के Lion Safari के लिए चुने गए हैं। यह पहल स्थानीय समुदायों और वन्यजीव विभाग के बीच विश्वास बढ़ाने में मदद करती है। राज्य आपदा न्यूनीकरण निधि से प्राप्त धनराशि का उपयोग मानव-वन्यजीव संघर्ष को नियंत्रित करने के लिए उपकरणों की खरीद में किया गया है।


नवीनतम तकनीकों का उपयोग

वन्य जीवों के प्रवेश को रोकने के लिए वन क्षेत्रों में सघन गश्त की जा रही है। नवीनतम तकनीकों में ड्रोन, जीपीएस ट्रैकिंग और कैमरा ट्रैप शामिल हैं, जो वन्यजीवों की गतिविधियों पर नजर रखने में मदद करते हैं। इन प्रयासों से ग्रामीण समुदायों को सुरक्षा और आजीविका मिल रही है, साथ ही जैव विविधता भी संरक्षित हो रही है।