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उत्तर प्रदेश में विंध्य एक्सप्रेसवे: विकास की नई दिशा

उत्तर प्रदेश में विंध्य एक्सप्रेसवे का निर्माण एक ऐतिहासिक परियोजना है, जो 320 किलोमीटर लंबा होगा और पांच जिलों को जोड़ते हुए परिवहन व्यवस्था में सुधार करेगा। यह परियोजना न केवल किसानों और युवाओं के लिए लाभकारी होगी, बल्कि औद्योगिक विकास को भी बढ़ावा देगी। जानें इस एक्सप्रेसवे के निर्माण की लागत, मार्ग और इससे होने वाले लाभ के बारे में।
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उत्तर प्रदेश में विंध्य एक्सप्रेसवे: विकास की नई दिशा

विंध्य एक्सप्रेसवे का महत्व


उत्तर प्रदेश समाचार: उत्तर प्रदेश के बुनियादी ढांचे को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए एक महत्वपूर्ण परियोजना का आगाज किया गया है। यह 320 किलोमीटर लंबा एक्सप्रेसवे प्रदेश के पांच जिलों से होकर गुजरेगा, जिससे न केवल परिवहन में सुधार होगा, बल्कि किसानों, युवाओं और उद्योगों को भी लाभ होगा। विंध्य ग्रीनफील्ड एक्सेस कंट्रोल एक्सप्रेसवे पूर्वांचल क्षेत्र के जिलों को बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान करेगा।


एक्सप्रेसवे की लंबाई और लागत

एक्सप्रेसवे की लंबाई 320 किलोमीटर होगी

यह एक्सप्रेसवे झारखंड और छत्तीसगढ़ को भी जोड़ने में सहायक होगा। यह प्रयागराज से शुरू होकर मिर्जापुर, वाराणसी, चंदौली होते हुए सोनभद्र तक फैला होगा। इसके निर्माण पर सरकार 22,400 करोड़ रुपये खर्च करेगी, जिसमें किसानों से भूमि अधिग्रहण भी शामिल है। इस हाइटेक 6 लेन एक्सप्रेसवे के निर्माण से संबंधित क्षेत्रों में उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा और रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।


विंध्य एक्सप्रेसवे का मार्ग

विंध्य एक्सप्रेसवे का अनुमोदन

उत्तर प्रदेश में सड़कों का निर्माण तेजी से हो रहा है। राज्य के हर कोने को जोड़ने के लिए रेलवे का जाल बिछाया जा रहा है। वर्तमान में राज्य में 15 से अधिक एक्सप्रेसवे हैं, जिनमें से कई चालू हैं और कई निर्माणाधीन हैं। हाल ही में चार नए विस्तारित राजमार्गों का निर्माण किया गया, जिसमें विंध्य एक्सप्रेसवे भी शामिल है। यह गंगा एक्सप्रेसवे का विस्तारित हिस्सा है, जो 320 किलोमीटर लंबा होगा और पांच पूर्वांचल जिलों को जोड़ता है।


राजमार्ग की लागत और लाभ

विंध्य राजमार्ग की लागत

इस एक्सप्रेसवे के निर्माण के लिए भूमि की आवश्यकता होगी, जिसके लिए सरकार ने किसानों और भूमि मालिकों को मुआवजा देने के लिए 4,200 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। कुल मिलाकर, विंध्य एक्सप्रेसवे का खर्च 22,400 करोड़ रुपये होगा। किसानों को सर्किल रेट के अनुसार भूमि का भुगतान किया जाएगा, जो उनके लिए फायदेमंद होगा।


विकास की संभावनाएँ

विंध्य राजमार्ग का रूट मैप

यह एक्सप्रेसवे पूर्वांचल के कई जिलों में औद्योगिक विकास को बढ़ावा देगा। संबंधित जिलों में कालीन, पत्थर, खनिज और पीतल के उद्योगों की उपस्थिति है, जिससे यह प्रयागराज, चंदौली, सोनभद्र और काशी के औद्योगिक क्षेत्रों को विकसित करने में सहायक होगा। उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवेज औद्योगिक विकास प्राधिकरण (UPIEDA) ने इसके निर्माण के लिए सलाहकार कंपनी का चयन करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।


नए राजमार्गों की मंजूरी

यूपी ने नए राजमार्गों को मंजूरी दी

ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे को आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे से कौसिया, जनपद हरदोई वाया फर्रुखाबाद तक बनाने का प्रस्ताव है। इसके साथ ही प्रयागराज, मिर्जापुर, वाराणसी, चंदौली और सोनभद्र को जोड़ने वाली विंध्य एक्सप्रेसवे भी बनाई जाएगी। मेरठ-हरिद्वार और बुंदेलखंड-रीवा एक्सप्रेसवे भी प्रस्तावित हैं।


विंध्य एक्सप्रेसवे से होने वाले लाभ

विंध्य राजमार्ग से लाभ

इस एक्सप्रेसवे के निर्माण से छोटे और बड़े उद्योगों का विकास होगा। विशेष रूप से, होटल, रेस्तरां और बाजारों का निर्माण किया जाएगा, जो कई लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित करेगा। इसके अलावा, रियल स्टेट व्यवसाय को भी लाभ होगा और पड़ोसी देशों के साथ व्यापार में वृद्धि की संभावना रहेगी।