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उत्तर प्रदेश में वित्तीय समावेशन के लिए विशेष अभियान की शुरुआत

उत्तर प्रदेश सरकार ने वित्तीय समावेशन को अंतिम छोर तक पहुँचाने के लिए एक विशेष अभियान की शुरुआत की है, जो 1 जुलाई से 30 सितंबर, 2025 तक चलेगा। इस पहल का उद्देश्य उन नागरिकों को जोड़ना है, जिन्हें अब तक विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिला है। अभियान के तहत जन धन खातों की केवाईसी, नए बैंक खातों का उद्घाटन और बीमा तथा पेंशन योजनाओं में नामांकन को प्राथमिकता दी जाएगी। यह अभियान 'सबका साथ, सबका विकास' के संकल्प को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
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उत्तर प्रदेश में वित्तीय समावेशन के लिए विशेष अभियान की शुरुआत

वित्तीय समावेशन के लिए अभियान

उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य में वित्तीय समावेशन को अंतिम स्तर तक पहुँचाने के लिए एक विशेष संतृप्तीकरण अभियान शुरू करने का निर्णय लिया है। यह अभियान 1 जुलाई से 30 सितंबर, 2025 तक सभी ग्राम पंचायतों में चलाया जाएगा।


यह पहल केंद्र सरकार के वित्तीय सेवाओं के विभाग और वित्त मंत्रालय के निर्देशों के तहत की जा रही है, जिसमें प्रधानमंत्री जन धन योजना (पीएमजेडीवाई), प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (पीएमजेजेबीवाई), प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (पीएमएसबीवाई) और अटल पेंशन योजना (एपीवाई) को आम जनता तक पहुँचाने का लक्ष्य है।


इस अभियान का मुख्य उद्देश्य उन पात्र नागरिकों को जोड़ना है, जिन्हें अब तक इन योजनाओं का लाभ नहीं मिला है, ताकि शत-प्रतिशत कवरेज सुनिश्चित किया जा सके। इसके साथ ही, निष्क्रिय जन धन खातों की केवाईसी पुनः सत्यापन, नए बैंक खातों का उद्घाटन और बीमा तथा पेंशन योजनाओं में नामांकन को प्राथमिकता दी जाएगी।


यह अभियान राज्य सरकार की उस प्रतिबद्धता का हिस्सा है, जिसमें 'सबका साथ, सबका विकास' के संकल्प को वास्तविकता में बदलने का प्रयास किया जा रहा है।


महानिदेशक, संस्थागत वित्त, उत्तर प्रदेश ने सभी जिलाधिकारियों और विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया है कि इस अभियान को जिला स्तर पर समग्र नेतृत्व के साथ संचालित किया जाए।


जिला प्रशासन को दिए गए निर्देशों के अनुसार, सभी ग्राम पंचायतों में कम से कम एक शिविर का आयोजन अनिवार्य होगा।


डीएलसीसी की बैठकों के माध्यम से रणनीति तैयार की जाएगी।


ब्लॉक, पंचायत और जनसामान्य के स्तर पर सभी विभागीय अधिकारियों की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी।


साप्ताहिक समीक्षा और निगरानी की जाएगी ताकि प्रगति पर नियमित नजर रखी जा सके.