उत्तर प्रदेश में विद्यार्थियों को यात्रा भत्ता: शिक्षा में सुधार की दिशा में एक कदम

यात्रा भत्ते की नई योजना
उत्तर प्रदेश समाचार: उत्तर प्रदेश सरकार ने सोनभद्र और बुंदेलखंड के छह जिलों के दूरस्थ विद्यार्थियों को यात्रा भत्ता देने का निर्णय लिया है। कक्षा नौ से बारह के विद्यार्थियों को सालाना छह हजार रुपये की सहायता मिलेगी, जिससे वे नियमित रूप से विद्यालय जा सकें। पीएम श्री योजना के अंतर्गत चयनित 146 सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों को भी इसका लाभ मिलेगा। इस योजना का उद्देश्य विद्यार्थियों की उपस्थिति में सुधार लाना है।
बुंदेलखंड के छह जिलों को मिलेगा लाभ
विद्यार्थियों के लिए स्कूल जाना अब आसान होगा।
बुंदेलखंड के छह जिलों - झांसी, चित्रकूट, जालौन, हमीरपुर, महोबा, बांदा और सोनभद्र में, राजकीय माध्यमिक विद्यालयों से पांच किलोमीटर या उससे अधिक दूरी पर रहने वाले विद्यार्थियों को यात्रा भत्ता (ट्रैवल अलाउंस) दिया जाएगा। इस योजना के तहत कक्षा 9 से 12 के विद्यार्थियों को हर साल छह हजार रुपये की सीधी आर्थिक सहायता मिलेगी। यह पीएम श्री योजना के तहत चयनित 146 सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाली छात्राओं के लिए भी लागू होगा। विभाग ने इस शैक्षणिक सत्र से योजना को लागू करने के लिए सभी आवश्यक प्रक्रियाएं पूरी कर ली हैं।
जानकारी देने के लिए प्रोफार्मा भरना होगा
माध्यमिक शिक्षा विभाग ने एक प्रस्ताव तैयार किया है।
छात्रों को इस योजना का लाभ उठाने के लिए प्रोफार्मा भरकर यह बताना होगा कि उनके घर से पांच किलोमीटर के भीतर कोई राजकीय माध्यमिक विद्यालय नहीं है। विद्यालय स्तर पर प्रधानाचार्य और ग्राम स्तर पर प्रधानाचार्य द्वारा उस प्रोफार्मा और घोषणा की पुष्टि की जाएगी।
पार्षदों को सत्यापन का कार्य सौंपा गया
शहरी क्षेत्रों में पार्षदों को यह कार्य सौंपा गया है।
सत्यापन के बाद, छात्रों के खातों में धनराशि डीबीटी (डायरेक्ट बेनफिट ट्रांसफर) के माध्यम से भेजी जाएगी। पहली किस्त पांच सितंबर को जारी की जा सकती है। इस योजना का उद्देश्य विद्यार्थियों को केवल आर्थिक सहायता प्रदान करना नहीं है, बल्कि उन्हें नियमित रूप से विद्यालय जाने के लिए प्रोत्साहित करना भी है। योजना की शर्त है कि लाभार्थी विद्यार्थी विद्यालय में नियमित होना चाहिए और उपस्थिति में कम से कम 10% की वृद्धि होनी चाहिए। इस योजना में बुंदेलखंड के छह जिले और सोनभद्र के 24 हजार विद्यार्थी शामिल हैं, जिनमें से चार हजार विद्यार्थी प्रधानमंत्री श्री राजकीय विद्यालयों में पढ़ते हैं।
शिक्षा में सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम
समग्र शिक्षा माध्यमिक स्कूल के अपर राज्य परियोजना निदेशक विष्णु कांत पांडेय ने बताया कि इस योजना से विद्यार्थियों की उपस्थिति में सुधार होगा और ड्रापआउट रेट कम होगा। यह योजना दूर-दराज के गांवों से विद्यालय जाने वाले बच्चों के लिए एक बड़ी राहत साबित होगी। इससे न केवल उनकी जेब पर बोझ कम होगा, बल्कि शिक्षा प्राप्त करना भी आसान हो जाएगा।