उत्तर प्रदेश में व्यावसायिक शिक्षा विभाग पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप
भ्रष्टाचार के आरोपों से हड़कंप
उत्तर प्रदेश के व्यावसायिक शिक्षा और कौशल विकास विभाग में भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों ने स्थिति को तनावपूर्ण बना दिया है। लखनऊ के अमीनाबाद क्षेत्र में रहने वाले आरएसएस कार्यकर्ता विनोद राम ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को एक पत्र भेजकर विभाग के प्रमुख सचिव डॉ. हरि ओम और जॉइंट डायरेक्टर डी.के. सिंह पर रिश्वतखोरी और जातिवाद का आरोप लगाया है।
रिश्वतखोरी का गंभीर आरोप
रिश्वतखोरी का गंभीर आरोप
विनोद राम ने कहा कि हाल ही में उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग, प्रयागराज के माध्यम से 100 से अधिक आईटीआई फोरमैन को डीपीसी में प्रधानाचार्य के पद पर प्रमोशन मिला है, लेकिन उनकी तैनाती के लिए डॉ. हरि ओम और डी.के. सिंह द्वारा 5 से 15 लाख रुपये की रिश्वत मांगी जा रही है। पत्र में उल्लेख किया गया है, "डी.के. सिंह ने एक नव पदोन्नत प्रधानाचार्य से कहा, 'चिंता मत करो, मेरी सेटिंग डॉ. हरि ओम से है। 100% पोस्टिंग करवाऊंगा। तुम बस जो 5 लाख लाए हो, उसके अलावा 5 लाख और कल तक पहुंचा देना।'" यह बातचीत गुप्त कैमरे में रिकॉर्ड की गई है, जिसकी पेन ड्राइव पत्र के साथ संलग्न है।
अनैतिक तैनाती और संपत्ति अर्जन
अनैतिक तैनाती और संपत्ति अर्जन
आरोप है कि डी.के. सिंह ने नियमों का उल्लंघन करते हुए मलाईदार और गृह जनपदों में तैनाती की कोशिश की, जो क्लास-2 पद के लिए गैरकानूनी है। उनके खिलाफ 2016 की अनुदेशक भर्ती में करोड़ों की रिश्वत लेने का आरोप भी है, जिसकी विजिलेंस जांच चल रही है। विनोद ने कहा कि सिंह ने भ्रष्टाचार के माध्यम से प्राइवेट स्कूल और आईटीआई सहित विशाल संपत्ति जमा की है।
जातिवाद और भेदभाव
जातिवाद और भेदभाव
पत्र में यह भी कहा गया है कि डॉ. हरि ओम और डी.के. सिंह एससी समुदाय के अधिकारियों के साथ भेदभाव करते हैं और उनकी जगह अपनी जाति के लोगों को तैनात करने की योजना बनाते हैं। विनोद ने लिखा, "ऐसे अधिकारी आपके भ्रष्टाचार और जातिवाद मिटाने के अभियान को पलीता लगा रहे हैं।"
मुख्यमंत्री से कार्रवाई की गुहार
मुख्यमंत्री से कार्रवाई की गुहार
विनोद ने डी.के. सिंह की बर्खास्तगी और डॉ. हरि ओम के तबादले की मांग की है ताकि भ्रष्टाचार और जातिवाद पर कठोर कार्रवाई की जा सके।
