Newzfatafatlogo

उत्तर प्रदेश सरकार की नई योजनाएं: तीर्थयात्रियों के लिए आर्थिक सहायता

उत्तर प्रदेश सरकार ने तीर्थयात्रियों के लिए दो नई योजनाओं की घोषणा की है, जिनमें बौद्ध तीर्थ दर्शन योजना और पंच तख्त यात्रा योजना शामिल हैं। इन योजनाओं के तहत श्रद्धालुओं को 10,000 रुपये तक की आर्थिक सहायता मिलेगी। यह कदम बौद्ध और सिख श्रद्धालुओं को प्रमुख धार्मिक स्थलों तक पहुंचने में मदद करेगा। आवेदन प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन होगी, जिससे अधिक से अधिक लोग लाभ उठा सकें। जानें इन योजनाओं के बारे में विस्तार से।
 | 
उत्तर प्रदेश सरकार की नई योजनाएं: तीर्थयात्रियों के लिए आर्थिक सहायता

उत्तर प्रदेश सरकार की नई योजनाएं

UP Government Schemes: उत्तर प्रदेश के तीर्थयात्रियों के लिए एक नई खुशखबरी आई है! योगी आदित्यनाथ की सरकार ने धार्मिक यात्राओं को सरल और सुलभ बनाने के लिए दो नई योजनाओं की घोषणा की है। ये योजनाएं हैं बौद्ध तीर्थ दर्शन योजना और पंच तख्त यात्रा योजना, जिनके तहत राज्य सरकार तीर्थयात्रियों को 10,000 रुपये तक की वित्तीय सहायता प्रदान करेगी.


इन योजनाओं का उद्देश्य राज्य के बौद्ध और सिख श्रद्धालुओं को भारत के प्रमुख धार्मिक स्थलों तक पहुंचने में सहायता करना है। बौद्ध तीर्थ दर्शन योजना के अंतर्गत यूपी के बौद्ध और हिंदू नागरिक विभिन्न बौद्ध स्थलों की यात्रा कर सकेंगे, जबकि पंच तख्त यात्रा योजना सिख श्रद्धालुओं को देश के पांच प्रमुख तख्त साहिब के दर्शन कराएगी.


यात्रा के लिए प्रमुख स्थल

किन स्थलों की यात्रा कराई जाएगी?


पंच तख्त यात्रा योजना के तहत श्रद्धालु निम्नलिखित पवित्र स्थलों की यात्रा कर सकेंगे:



  • श्री आनंदपुर साहिब (पंजाब)

  • श्री अकाल तख्त साहिब (अमृतसर)

  • श्री दमदमा साहिब (तलवंडी साबो)

  • श्री हजूर साहिब (नांदेड़, महाराष्ट्र)

  • श्री हरमंदिर साहिब (पटना, बिहार)


वहीं, बौद्ध तीर्थ दर्शन योजना में देशभर के प्रमुख बौद्ध स्थलों की यात्रा कराई जाएगी, जिसमें बौद्ध भिक्षुओं को प्राथमिकता दी जाएगी.


आवेदन प्रक्रिया

ऑनलाइन करना होगा आवेदन


इन दोनों योजनाओं के लिए आवेदन प्रक्रिया पूरी तरह से ऑनलाइन होगी और इसे IRCTC के सहयोग से संचालित किया जाएगा। आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को प्राथमिकता दी जाएगी, ताकि अधिक से अधिक जरूरतमंद लोग इसका लाभ उठा सकें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि तीर्थयात्राएं न केवल आध्यात्मिक विकास का साधन हैं, बल्कि सामाजिक एकता और धार्मिक सद्भाव को भी मजबूत करती हैं। ये योजनाएं 'सबका साथ, सबका विकास' की भावना को आगे बढ़ाएंगी.