उत्तर प्रदेश सरकार के नए फैसले: विकास की दिशा में महत्वपूर्ण कदम
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में कैबिनेट बैठक
उत्तर प्रदेश सरकार ने हाल ही में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को लोकभवन में आयोजित कैबिनेट की बैठक में 15 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। यह बैठक प्रदेश के विकास और जनता के कल्याण के लिए कई नए कदमों की शुरुआत का प्रतीक है।कैबिनेट ने आउटसोर्सिंग कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए 'उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम' के गठन को स्वीकृति दी है। इस निगम के माध्यम से जेम पोर्टल पर सेवा प्रदाताओं की नियुक्ति की जाएगी। नियुक्ति की अवधि तीन साल होगी और वेतन महीने की पहली से पांचवीं तारीख तक सीधे खातों में भेजा जाएगा। इससे लाखों आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को शोषण से बचाने में मदद मिलेगी।
कानपुर और लखनऊ के लिए 100-100 नई इलेक्ट्रिक बसों की खरीद को भी मंजूरी दी गई है। इससे सार्वजनिक परिवहन प्रणाली और अधिक पर्यावरण के अनुकूल बनेगी और यात्रियों को बेहतर सुविधा मिलेगी।
इसके अलावा, औद्योगिक निवेश और रोजगार प्रोत्साहन नीति-2022 के तहत कई कंपनियों को 'लेटर ऑफ कम्फर्ट' जारी करने का प्रस्ताव भी स्वीकृत किया गया है। यह नीति यूपी को औद्योगिक हब बनाने में सहायक होगी।
कैबिनेट ने स्टांप विभाग को सरकारी विभाग घोषित करने का प्रस्ताव भी पारित किया, जिससे विभाग की कार्यप्रणाली में सुधार की उम्मीद है।
आईटी विभाग द्वारा प्रस्तुत 'उत्तर प्रदेश इलेक्ट्रॉनिक्स घटक विनिर्माण नीति-2025' को भी मंजूरी दी गई है, जिसका उद्देश्य यूपी को इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग का केंद्र बनाना है।
मुख्यमंत्री ने नई निर्यात नीति को भी स्वीकृति दी, जो 2030 तक प्रभावी रहेगी। इसके तहत निर्यातकों को विशेष रियायतें दी जाएंगी।