उत्तर भारत में ठंड और प्रदूषण से बढ़ी मुश्किलें, बिजली आपूर्ति में बाधा
ठंड और प्रदूषण का प्रभाव
शनिवार की सुबह, उत्तर भारत के विभिन्न क्षेत्रों में ठंड और प्रदूषण ने लोगों के लिए समस्याएं खड़ी कर दीं। मोहाली के सेक्टर 123, 124, 125 और मुंडी खरड़ जैसे इलाकों में लगभग पांच घंटे तक बिजली की आपूर्ति बाधित रही। इस दौरान, पंचकूला का एयर क्वालिटी इंडेक्स 365 तक पहुंच गया, जो कि अत्यंत खराब श्रेणी में आता है।
पंचकूला में प्रदूषण की गंभीरता
पंचकूला में प्रदूषण की स्थिति और भी चिंताजनक रही। यहां एयर क्वालिटी इंडेक्स 360 से 365 के बीच दर्ज किया गया, जो स्वास्थ्य के लिए अत्यधिक हानिकारक माना जाता है। दिन में धूप निकलने के बावजूद, सुबह और शाम घना कोहरा छाया रहा, जिससे दृश्यता में कमी आई और सांस संबंधी मरीजों की समस्याएं बढ़ गईं।
बिजली आपूर्ति में बाधा का कारण
प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, 66 केवी की मुख्य बिजली लाइन में तकनीकी खराबी आ गई थी, जिसके कारण सन्नी ग्रिड को अस्थायी रूप से बंद करना पड़ा। यह खराबी सुबह छह से साढ़े छह बजे के बीच हुई, जब तापमान पहले से ही काफी कम था। बिजली बंद होते ही कई रिहायशी इलाकों में सप्लाई पूरी तरह रुक गई।
न्यू सन्नी एनक्लेव में पानी की समस्या
मोहाली के न्यू सन्नी एनक्लेव में स्थिति और गंभीर हो गई, क्योंकि यहां पानी की सप्लाई पूरी तरह बिजली पर निर्भर है। जैसे ही बिजली गई, घरों में पानी आना भी बंद हो गया। छुट्टी का दिन होने के कारण अधिकांश लोग घर पर थे, जिससे परेशानी और बढ़ गई।
बुजुर्गों और बच्चों पर असर
स्थानीय निवासियों के अनुसार, हीटर और गीजर बंद हो गए, मोबाइल चार्ज करना मुश्किल हो गया और खाना पकाने जैसी रोजमर्रा की जरूरतें प्रभावित हुईं। ठंड, धुंध और बिजली कटौती के कारण बुजुर्गों, बच्चों और बीमार लोगों को सबसे ज्यादा दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
बिजली कर्मचारी मरम्मत में जुटे
पावरकॉम विभाग के कर्मचारियों ने घनी धुंध और कड़ाके की ठंड के बावजूद मौके पर पहुंचकर मरम्मत कार्य किया। खराब दृश्यता के कारण लाइन को ठीक करना चुनौतीपूर्ण रहा। विभागीय सूत्रों के अनुसार, तकनीकी समस्या को दूर कर लगभग पांच घंटे बाद बिजली सप्लाई बहाल कर दी गई।
विभाग का बयान
पावरकॉम अधिकारियों ने बताया कि सर्द मौसम में बिजली आपूर्ति बनाए रखना विभाग की प्राथमिकता है। भविष्य में इस तरह की दिक्कतों से बचने के लिए लाइनों की नियमित जांच, ग्रिड सिस्टम की निगरानी और आपातकालीन मरम्मत टीम को अलर्ट पर रखा जा रहा है।
महत्व और भविष्य की उम्मीदें
यह घटना स्पष्ट रूप से दिखाती है कि ठंड और प्रदूषण का दोहरा असर आम लोगों की जिंदगी को कैसे प्रभावित करता है। शहरी क्षेत्रों में बिजली और पानी की निर्भरता कितनी संवेदनशील हो चुकी है। विशेषज्ञों का मानना है कि प्रदूषण कम करने के लिए स्थानीय स्तर पर सख्ती, बिजली नेटवर्क की समय पर मेंटेनेंस और वैकल्पिक व्यवस्था की तैयारी आवश्यक है। इन कदमों से भविष्य में ऐसी स्थितियों से राहत मिल सकती है।
