उत्तर भारत में मॉनसून की देरी से गर्मी का प्रकोप, राहत की उम्मीद

मॉनसून की देरी से गर्मी का कहर
उत्तर भारत में मॉनसून की देरी ने भीषण गर्मी का सामना करने पर मजबूर कर दिया है। मई में समय से पहले आने वाला मॉनसून जून के पहले सप्ताह में रुक गया, जिससे लोग प्रचंड गर्मी का सामना कर रहे हैं। 29 मई से ठहरा मॉनसून अब तक आगे नहीं बढ़ा है, और आसमान से बारिश की बजाय गर्मी की लहरें बरस रही हैं। हालांकि, मौसम विशेषज्ञों ने 14 जून से राहत की उम्मीद जताई है।
मॉनसून क्यों रुका?
हर साल, दक्षिण-पश्चिम मॉनसून 1 जून तक केरल में पहुंचता है और 8 जुलाई तक पूरे देश में फैल जाता है। लेकिन इस बार, 29 मई के बाद मॉनसून की धाराएं कमजोर हो गईं। बंगाल की खाड़ी में कम दबाव की कमी ने मॉनसून की प्रगति को रोक दिया। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, मॉनसून की गति चरणबद्ध होती है, और कभी-कभी यह हफ्तों तक रुक जाता है, जिससे गर्मी और शुष्क मौसम बढ़ता है।
14 जून से राहत की उम्मीद
भारतीय मौसम विभाग और स्काईमेट वेदर सर्विसेज ने बताया है कि 14 जून से मॉनसून फिर से सक्रिय होगा। बंगाल की खाड़ी में बन रहा चक्रवाती परिसंचरण मॉनसून को गति देगा। यह सिस्टम मुंबई, सिक्किम, और उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल में बारिश लाएगा। कोंकण, गोवा, और कर्नाटक में भारी बारिश की संभावना है। ओडिशा, झारखंड, और मध्य प्रदेश में भी मॉनसून पहुंचेगा।
बंगाल की खाड़ी का योगदान
मॉनसून की सक्रियता में बंगाल की खाड़ी का महत्वपूर्ण योगदान है। स्काईमेट के प्रेसिडेंट जीपी शर्मा के अनुसार, दो मौसमी सिस्टम मॉनसून को गति देंगे। एक चक्रवाती परिसंचरण तटीय आंध्र प्रदेश और रायलसीमा में बारिश लाएगा, जबकि दूसरा सिस्टम 14 जून को ओडिशा और छत्तीसगढ़ में सक्रिय होगा। इन सिस्टमों से मॉनसून उत्तर भारत की ओर बढ़ेगा, जिससे गर्मी से राहत मिलेगी।
उत्तर भारत में गर्मी का प्रकोप
आईएमडी ने उत्तर और उत्तर-पश्चिम भारत में हीटवेव अलर्ट जारी किया है। पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान, और उत्तर प्रदेश में तापमान सामान्य से अधिक है। जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश भी गर्मी की चपेट में हैं। 13 जून से मॉनसून की प्रगति के साथ तापमान में कमी की उम्मीद है। केरल और कर्नाटक में पहले से हल्की बारिश हो रही है।
भविष्य की संभावनाएं
मॉनसून की देरी ने लोगों को परेशान किया है, लेकिन मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि 14 जून से हालात में सुधार होगा। मॉनसून की उत्तरी सीमा का विस्तार होगा, और बिहार, झारखंड, और मध्य प्रदेश में बारिश बढ़ेगी। लोगों को सलाह दी जाती है कि वे गर्मी से बचने के लिए हाइड्रेटेड रहें। यह बदलाव उत्तर भारत में राहत लाएगा और कृषि के लिए भी फायदेमंद होगा।