उत्तर भारत में मौसम में बदलाव के संकेत, राहत की उम्मीद

मौसम में बदलाव की संभावना
उत्तर भारत इस समय भीषण गर्मी का सामना कर रहा है, लेकिन राहत के संकेत अब दिखाई देने लगे हैं। भारतीय मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, 13 जून की रात से दिल्ली-एनसीआर, पंजाब, हरियाणा समेत कई क्षेत्रों में मौसम में बदलाव की संभावना जताई गई है। मौसम विभाग ने ऑरेंज अलर्ट जारी करते हुए चेतावनी दी है कि इस दौरान तेज आंधी, बारिश और 40-50 किमी/घंटे की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं।
दिल्ली-एनसीआर में राहत की शुरुआत
शनिवार, 15 जून से दिल्ली और उसके आसपास के इलाकों में गर्मी से राहत मिलने की उम्मीद है। अधिकतम तापमान 40-41 डिग्री और न्यूनतम तापमान 28-29 डिग्री के आसपास रहने की संभावना है। मौसम विभाग के अनुसार, अगले कुछ दिनों तक 'थंडरस्टॉर्म विद रेन' की स्थिति बनी रह सकती है।
16-19 जून तक बारिश की संभावना
16 और 17 जून को आसमान में बादल छाए रहेंगे और हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है। तापमान में और गिरावट की उम्मीद है। 18 और 19 जून को भी गरज-चमक के साथ बारिश का अनुमान है। इन दिनों में अधिकतम तापमान 37-38 डिग्री और न्यूनतम तापमान 26 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने की संभावना है। वातावरण में नमी की मात्रा 80-85 प्रतिशत तक पहुंच सकती है, जिससे उमस बढ़ सकती है।
उत्तर भारत में मानसून की दस्तक
इस बार मानसून असामान्य रूप से जल्दी आ रहा है। IMD के अनुसार, दक्षिण-पश्चिम मानसून 24 मई को केरल पहुंचा, जो 2009 के बाद सबसे पहले है। 29 मई तक यह मुंबई और पूर्वोत्तर भारत तक पहुंच गया था। अनुमान है कि यह 25 जून तक दिल्ली समेत उत्तर-पश्चिम भारत के अधिकांश हिस्सों में पहुंच जाएगा।
बारिश का वितरण
इस बार मानसून में देश के अधिकांश हिस्सों में सामान्य से अधिक बारिश की उम्मीद है। हालांकि, पंजाब, हरियाणा, केरल और तमिलनाडु के कुछ क्षेत्रों में सामान्य से कम बारिश हो सकती है। बिहार, झारखंड, ओडिशा, पूर्वोत्तर और हिमाचल प्रदेश में अच्छी बारिश होने की संभावना है।
किसानों के लिए फायदेमंद बारिश
बारिश का यह दौर किसानों के लिए विशेष रूप से लाभकारी रहेगा। इससे फसलों की बुआई के लिए नमी वाली मिट्टी मिलेगी, और आम लोगों को गर्मी और लू से राहत भी मिलेगी। मानसून भारत के कृषि क्षेत्र के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह क्षेत्र देश के GDP का 18.2% योगदान देता है और लगभग 42% जनसंख्या की आजीविका इसी पर निर्भर करती है।