उत्तर भारत में सर्दी का आगाज़, पहाड़ों पर बर्फबारी से बढ़ी ठंड
सर्दी का असर, पहाड़ी क्षेत्रों में बर्फबारी
हिमाचल, जम्मू-कश्मीर और उत्तराखंड में तापमान में गिरावट
नवंबर के दूसरे सप्ताह में, उत्तर भारत में ठंड का प्रभाव स्पष्ट होने लगा है। इसका मुख्य कारण पश्चिमी विक्षोभ के चलते पहाड़ों पर हुई बर्फबारी है। हाल के दिनों में कश्मीर से उत्तराखंड तक बर्फबारी का सिलसिला जारी रहा है, जिससे मैदानी क्षेत्रों में ठंडक का अनुभव हो रहा है। हालांकि, यह ठंड अभी रात के समय अधिक महसूस की जा रही है, जबकि दिन में मौसम सामान्य है। भारतीय मौसम विभाग ने बताया है कि नवंबर के मध्य तक ठंड और बढ़ने की संभावना है।
हिमाचल प्रदेश में तापमान शून्य से नीचे
हिमाचल प्रदेश के ताबो में न्यूनतम तापमान -2.0 डिग्री और कुकुमसेरी में -2.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। मौसम विभाग के अनुसार, उत्तर-पश्चिमी हवाओं के प्रभाव से आने वाले हफ्ते में पहाड़ी राज्यों के साथ-साथ राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, दिल्ली और पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्सों में ठंड और बढ़ सकती है। नवंबर के मध्य तक न्यूनतम तापमान में 2 से 3 डिग्री की और कमी आने की संभावना है।
शिमला में 9.0, सुंदरनगर में 8.5, भुंतर में 6.1, कल्पा में 1.5, धर्मशाला में 9.8, ऊना में 11.4, नाहन में 11.6, केलांग में 2.0, पालमपुर में 7.0, सोलन में 7.5, मनाली में 4.1, कांगड़ा में 8.6, मंडी में 9.1, बिलासपुर में 12.9, हमीरपुर में 9.2, जुब्बड़हट्टी में 10.6, कुफरी में 8.1, नारकंडा में 6.0, और सराहन में 9.5 डिग्री सेल्सियस न्यूनतम तापमान दर्ज किया गया।
मैदानी क्षेत्रों में ठंड का रिकॉर्ड
जयपुर स्थित मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार, शुक्रवार रात राजस्थान के सीकर जिले में न्यूनतम तापमान 7 डिग्री सेल्सियस तक गिर गया, जो इस मौसम का सबसे कम तापमान है। फतेहपुर में 7.4 डिग्री, अजमेर में 8.1 डिग्री, अलवर में 8.5 डिग्री, लूणकरणसर में 8.7 डिग्री, चूरू में 9.3 डिग्री, पिलानी में 9.5 डिग्री और झुंझुनूं में 9.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
हालांकि, पश्चिमी राजस्थान का बाड़मेर जिला अब भी सबसे गर्म रहा, जहां अधिकतम तापमान 34.1 डिग्री सेल्सियस रहा। मौसम विभाग ने बताया कि हरियाणा और आसपास के क्षेत्रों में बना ऊपरी वायु चक्रवात कमजोर पड़ गया है, जिससे पूरे राजस्थान में शुष्क मौसम बना हुआ है। अगले एक सप्ताह तक राज्य में बारिश की कोई संभावना नहीं है और तापमान में कोई बड़ा बदलाव नहीं होगा।
