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उत्तरकाशी आपदा पर मौलाना रशीदी का बयान: राजनीति से दूर रहना चाहिए

उत्तरकाशी में 5 अगस्त को बादल फटने की घटना के बाद मौलाना साजिद रशीदी ने सपा नेता एसटी हसन के बयान पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि आपदाएं स्वाभाविक हैं और इन्हें राजनीति से नहीं जोड़ना चाहिए। मौलाना ने इस्लाम की शिक्षाओं का हवाला देते हुए कहा कि इंसान को अपनी सीमाओं में रहना चाहिए। उत्तराखंड में आपदाओं का इतिहास रहा है, और मौलाना ने सरकार का समर्थन करते हुए कहा कि हाल ही में बने राज्य के पास इन आपदाओं का सामना करने के लिए पर्याप्त योजना नहीं है।
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उत्तरकाशी आपदा पर मौलाना रशीदी का बयान: राजनीति से दूर रहना चाहिए

उत्तरकाशी में बादल फटने की घटना

मौलाना साजिद रशीदी का बयान: उत्तराखंड के उत्तरकाशी में 5 अगस्त को बादल फटने की घटना हुई, जिसमें कई लोगों की जान गई। इस घटना के बाद से कई लोग लापता हैं और उनकी खोजबीन जारी है। इस आपदा पर सपा नेता एसटी हसन ने कहा कि जंगलों की अंधाधुंध कटाई इसके लिए जिम्मेदार है। इस पर मौलाना साजिद रशीदी ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि 'इस आपदा को राजनीति से जोड़ने की कोशिश न की जाए।'


आपदाएं स्वाभाविक हैं - मौलाना रशीदी

मौलाना साजिद रशीदी ने उत्तराखंड में आई आपदा पर टिप्पणी करते हुए कहा कि 'जहां भी अत्याचार बढ़ता है, वहां ऐसी आपदाएं आना स्वाभाविक है। चाहे वह धार्मिक हो या सामाजिक, यह ईश्वर का निर्णय है।' उन्होंने एसटी हसन के बयान को राजनीति से जोड़ने की कोशिश बताया और इसे अनुचित करार दिया।


इस्लाम की शिक्षाएं

मौलाना रशीदी ने कहा कि एसटी हसन का बयान अजीब है, क्योंकि वह जानबूझकर सरकार पर दबाव बनाने के लिए ऐसा कर रहे हैं। उन्होंने इस्लाम का हवाला देते हुए कहा कि 'इस्लाम कहता है कि अपनी सीमाओं में रहो और दूसरों के धर्म का सम्मान करो। जब इंसान धर्म की सीमाएं लांघता है, तब ऐसी आपदाएं आती हैं।'


आपदाओं का इतिहास

मौलाना ने धामी सरकार का समर्थन करते हुए कहा कि 'उत्तराखंड का गठन हाल ही में हुआ है, इसलिए सरकार के पास इन आपदाओं का सामना करने के लिए पर्याप्त योजना नहीं है। यह पहली बार नहीं है कि ऐसी आपदाएं आई हैं; इससे पहले भी कई मंदिर और मजारें ध्वस्त हो चुकी हैं। उत्तराखंड एक ऐसा क्षेत्र है जहां आपदाएं आती रहती हैं।'