उत्तरकाशी के धराली गांव में बाढ़ का कहर: जानें क्या हुआ?

धराली गांव में प्राकृतिक आपदा का सामना
उत्तरकाशी जिले के धराली गांव में एक भयंकर प्राकृतिक आपदा ने तबाही मचाई है। हिमालय की गोद में बसा यह छोटा सा पहाड़ी गांव अचानक आई बाढ़ की चपेट में आ गया, जिसके कारण खेत, घर, होटल और होमस्टे को भारी नुकसान हुआ है। प्रशासन के अनुसार, 10 से 12 लोग मलबे में फंसे हो सकते हैं, और 20 से अधिक होटल और होमस्टे बाढ़ में बह गए हैं।
बचाव कार्य में जुटी टीमें
घटनास्थल पर SDRF, सेना और प्रशासन की टीमें राहत और बचाव कार्य में लगी हुई हैं। गांव के निवासी ऊंचाई की ओर भागते हुए नजर आए, जबकि बाढ़ की तेज धार ने कई घरों और दुकानों को बहा दिया।
धराली: प्राकृतिक सुंदरता से तबाही तक
धराली गांव, जो गंगोत्री जाने वाले मार्ग पर स्थित है, हरसिल से 7 किलोमीटर और गंगोत्री से 19 किलोमीटर पहले है। यह गांव अपनी प्राकृतिक सुंदरता और सेब के बागानों के लिए प्रसिद्ध है, लेकिन इसकी भौगोलिक संवेदनशीलता इसे आपदाओं के प्रति अत्यधिक संवेदनशील बनाती है।
गांव की जनसंख्या और सामाजिक संरचना
धराली की कुल जनसंख्या 505 है, जो 85 परिवारों में बंटी हुई है। इनमें 256 पुरुष और 249 महिलाएं शामिल हैं। गांव का लिंगानुपात 973 है, जो उत्तराखंड के औसत 963 से थोड़ा बेहतर है।
बादल फटने से आई बाढ़
स्थानीय निवासियों के अनुसार, खीर गंगा कैचमेंट एरिया में अचानक बादल फटने से नदी में भीषण बाढ़ आ गई, जिसने पूरे गांव को प्रभावित किया। अनुमान है कि लगभग 20-25 होटल और होमस्टे बाढ़ में बह गए हैं, और कई लोग लापता हो सकते हैं। वायरल वीडियो में लोग जान बचाने के लिए ऊंचाई की ओर भागते हुए दिखाई दे रहे हैं।
SDRF और सेना का राहत कार्य
राहत और बचाव कार्य के लिए SDRF, सेना और जिला प्रशासन की टीमें मौके पर तैनात की गई हैं। उत्तराखंड पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वे नदी किनारे न जाएं और प्रभावित क्षेत्रों में सावधानी बरतें। राज्य सरकार ने राहत कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं।
पर्यटन और धार्मिक महत्व
गंगोत्री धाम के मार्ग पर स्थित होने के कारण धराली धार्मिक और पर्यटन दृष्टि से महत्वपूर्ण है। हर साल हजारों श्रद्धालु यहां से होकर गंगोत्री की यात्रा करते हैं, लेकिन बार-बार आने वाली प्राकृतिक आपदाएं यह सवाल उठाती हैं कि क्या यहां के इन्फ्रास्ट्रक्चर और आपदा प्रबंधन की तैयारियां पर्याप्त हैं?