उत्तरकाशी में बाढ़ का कहर: धराली गांव में तबाही, चार की मौत और कई लापता

उत्तरकाशी में प्राकृतिक आपदा का मंजर
उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के धराली गांव में मंगलवार को एक गंभीर प्राकृतिक आपदा का सामना करना पड़ा। गंगोत्री धाम और मुखवा गांव के निकट भारी बारिश के चलते बादल फटने से एक नाला उफान पर आ गया, जिससे पानी तेजी से नीचे के क्षेत्रों में बहने लगा। इस घटना ने कई घरों को बहा दिया और बड़ी संख्या में लोगों का संपर्क टूट गया।
बाढ़ से बर्बाद हुई बस्तियां
धराली गांव में दोपहर लगभग 1:45 बजे अचानक आई बाढ़ ने पूरे क्षेत्र में तबाही मचा दी। तेज बहाव में मकान, दुकानें, होटल और लॉज सब कुछ बह गए। स्थानीय निवासियों ने कहा कि उन्होंने अपने जीवन में ऐसा भयावह दृश्य पहले कभी नहीं देखा। लोग अपने घरों से बाहर नहीं निकल पाए और देखते ही देखते गांव बर्बाद हो गया।
मौत और लापता लोगों की संख्या बढ़ी
उत्तरकाशी के जिलाधिकारी प्रशांत आर्य ने बताया कि इस हादसे में चार लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। इसके अलावा 60 से 70 लोग लापता हैं। कुछ गवाहों ने आशंका जताई है कि मलबे के नीचे 100 से अधिक लोग दबे हो सकते हैं। इस घटना ने क्षेत्र में दहशत का माहौल बना दिया है।
केदारनाथ आपदा की यादें ताजा
यह घटना उत्तराखंड के निवासियों को 2013 की केदारनाथ आपदा की याद दिला रही है, जब भारी बारिश और बादल फटने से चोराबड़ी झील से पानी निकलकर मंदाकिनी नदी में बाढ़ का रूप ले लिया था, जिसमें 5000 से अधिक लोगों की जान गई थी। धराली की यह ताजा घटना वही दर्द फिर से जगा रही है।
सेना और प्रशासन राहत कार्य में जुटे
घटना की सूचना मिलते ही भारतीय सेना ने राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया। सेना का कैंप धराली से केवल 4 किलोमीटर की दूरी पर है, जिससे मदद तुरंत पहुंची। अब तक 15 से 20 लोगों को सुरक्षित निकाला गया है और घायलों का इलाज सेना के मेडिकल सेंटर में किया जा रहा है। SDRF और स्थानीय प्रशासन भी लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन चला रहे हैं, लेकिन खराब मौसम राहत कार्य में बाधा डाल रहा है।
प्रधानमंत्री और गृह मंत्री की संवेदनाएं
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस हादसे पर गहरा दुख व्यक्त किया है और पीड़ितों के प्रति संवेदना प्रकट की है। उन्होंने कहा कि राहत और बचाव कार्य में कोई कमी नहीं छोड़ी जाएगी। गृह मंत्री अमित शाह ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से फोन पर बात कर राहत कार्य की जानकारी ली और केंद्र सरकार की ओर से हर संभव मदद का आश्वासन दिया।
प्रशासन की तैयारियां और हेल्पलाइन नंबर
जिला प्रशासन ने राहत कार्य को तेज करते हुए दो हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं - 01374-222126 और 94565-56431, ताकि लोग अपने परिजनों की जानकारी प्राप्त कर सकें या सहायता मांग सकें। मुख्यमंत्री धामी ने सभी जिलाधिकारियों को सतर्क रहने और तुरंत राहत कार्य शुरू करने के निर्देश दिए हैं।
भारी बारिश बनी चुनौती
क्षेत्र में लगातार हो रही भारी बारिश और खराब मौसम राहत कार्यों में बाधा डाल रहे हैं। पहाड़ी क्षेत्र होने के कारण रास्ते अवरुद्ध हो गए हैं, जिससे बचाव दलों को पहुंचने में कठिनाई हो रही है। फिर भी राहत टीमें जी-जान से प्रयास कर रही हैं कि अधिक से अधिक लोगों को सुरक्षित निकाला जा सके।
उत्तराखंड के लिए एक और बड़ा झटका
यह आपदा उत्तराखंड के लिए एक और बड़ा झटका है। प्राकृतिक आपदाओं से बार-बार जूझ रहे इस पहाड़ी राज्य में एक मजबूत आपदा प्रबंधन प्रणाली की आवश्यकता फिर से उजागर हुई है। फिलहाल प्रशासन, सेना और स्थानीय लोग मिलकर इस संकट का सामना करने की कोशिश कर रहे हैं।