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उत्तरकाशी में बाढ़ के बाद हेलीकॉप्टर से चल रहा रेस्क्यू ऑपरेशन

उत्तराखंड के उत्तरकाशी में बाढ़ ने भारी तबाही मचाई है, जिसमें कई लोग लापता हैं। रेस्क्यू ऑपरेशन में हेलीकॉप्टर का उपयोग किया जा रहा है, जिससे तीर्थयात्रियों को सुरक्षित निकाला जा रहा है। गढ़वाल मंडल के आयुक्त ने बताया कि भारतीय वायुसेना का विमान भी मदद के लिए भेजा जा रहा है। स्थानीय प्रशासन और एनडीआरएफ की टीमें बचाव कार्य में जुटी हैं। जानें इस संकट के बारे में और क्या जानकारी मिली है।
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उत्तरकाशी में बाढ़ के बाद हेलीकॉप्टर से चल रहा रेस्क्यू ऑपरेशन

उत्तरकाशी में बाढ़ से उत्पन्न संकट

उत्तराखंड के उत्तरकाशी में बाढ़ ने भारी तबाही मचाई है, जिसमें कई लोग, जिनमें सेना के जवान भी शामिल हैं, लापता हो गए हैं। घटना के घंटों बाद भी बचाव कार्य शुरू नहीं हो पाया था। सड़कों के क्षतिग्रस्त होने के कारण कई तीर्थयात्री और पर्यटक फंसे हुए थे, जिन्हें अब हेलीकॉप्टर के माध्यम से निकाला जा रहा है।


रेस्क्यू अभियान की जानकारी

गढ़वाल मंडल के आयुक्त विनय शंकर पांडे ने बताया कि हेलीकॉप्टर से रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू हो चुका है। हमारी प्राथमिकता गंगोत्री धाम से तीर्थयात्रियों को सुरक्षित निकालना है। हर्षिल से 9-10 लोगों को लेकर दो उड़ानें भरी जा चुकी हैं, और यह अभियान पूरे दिन जारी रहेगा।


सड़कें क्षतिग्रस्त, मुख्यमंत्री की निगरानी

आयुक्त ने आगे बताया कि भारतीय वायुसेना का एक चिनूक विमान जल्द ही जॉलीग्रांट हवाई अड्डे से एनडीआरएफ कर्मियों और आवश्यक सामग्रियों के साथ हर्षिल के लिए उड़ान भरेगा। जिला मजिस्ट्रेट और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने क्षेत्र में अपने कार्यालय स्थापित कर लिए हैं। सभी आवश्यक सेवाओं के तकनीकी विशेषज्ञ वहां पहुंच चुके हैं। खोज और बचाव अभियान तेजी से चल रहा है, और हमें उम्मीद है कि एक-दो दिनों में स्थिति सामान्य हो जाएगी।


एनडीआरएफ की स्थिति

एनडीआरएफ के डीआईजी गंभीर सिंह चौहान ने कहा कि हमारे पास चार टीमें हैं, लेकिन सभी सड़कें अवरुद्ध हैं, जिससे वे धराली नहीं पहुंच सकीं। कल 35 कर्मचारी हेलीकॉप्टरों के माध्यम से पहुंचे थे। हेलीकॉप्टर सेवाएं शुरू होने के साथ, कर्मचारियों और निकाले गए लोगों का रेस्क्यू शुरू हो गया है। संचार में समस्या थी, लेकिन आज सुबह से हमारे सैटेलाइट फोन काम कर रहे हैं। राज्य प्रशासन, सेना, आईटीबीपी, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और स्थानीय लोग भी अभियान में मदद कर रहे हैं।


एक तीर्थयात्री का अनुभव

महाराष्ट्र के जलगांव की रोही मेहरा ने कहा कि जब उन्हें हेलीकॉप्टर से निकाला गया, तो वह बहुत डरी हुई थीं। उन्होंने बताया कि गांव वालों ने उनकी बहुत मदद की और भारतीय सेना के जवानों को देखकर उन्हें बहुत ताकत मिली।