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उत्तरकाशी में बादल फटने के बाद बिजली बहाली का कार्य तेज

उत्तराखंड के हर्षिल क्षेत्र में 5 अगस्त को बादल फटने से आई बाढ़ ने भारी तबाही मचाई। अब, प्रशासन और बिजली विभाग ने बिजली आपूर्ति को बहाल करने के लिए राहत कार्यों को तेज कर दिया है। स्थानीय लोग भी इस प्रयास में सहयोग कर रहे हैं। जानें इस प्राकृतिक आपदा के बाद की स्थिति और राहत कार्यों के बारे में।
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उत्तरकाशी में बादल फटने के बाद बिजली बहाली का कार्य तेज

उत्तरकाशी में बादल फटने से आई बाढ़

उत्तरकाशी में बादल फटने का असर: 5 अगस्त को उत्तराखंड के हर्षिल क्षेत्र में बादल फटने के कारण अचानक बाढ़ आई, जिससे क्षेत्र में व्यापक नुकसान हुआ। इस प्राकृतिक आपदा ने कई घरों, सड़कों और बुनियादी ढांचे को गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त कर दिया। अब, आपदा के कई दिन बाद, प्रशासन और बिजली विभाग ने राहत कार्यों को तेज कर दिया है, ताकि स्थानीय निवासियों को सामान्य जीवन में लौटने में सहायता मिल सके.


बिजली बहाली की प्रक्रिया में तेजी


बादल फटने के कारण हर्षिल और उसके आस-पास के क्षेत्रों में बिजली की लाइनों और खंभों को काफी नुकसान हुआ था। बिजली विभाग की टीमें दिन-रात काम कर रही हैं ताकि बिजली आपूर्ति को जल्द से जल्द बहाल किया जा सके। एक स्थानीय अधिकारी ने कहा, "हमारी टीमें कठिन परिस्थितियों में भी लगातार काम कर रही हैं ताकि हर्षिल के लोगों को जल्द से जल्द बिजली उपलब्ध हो सके।" इस कार्य में स्थानीय लोगों का भी सहयोग मिल रहा है, जो प्रभावित क्षेत्रों में राहत सामग्री और सहायता पहुंचाने में मदद कर रहे हैं.




5 अगस्त को आई तबाही का मंजर


5 अगस्त को उत्तराखंड में बादल फटने के बाद हर्षिल वैली में भयंकर बाढ़ आई, जिससे धराली गांव मलबे में तब्दील हो गया। कई घर इस बाढ़ में बह गए और कई लोग मलबे में दब गए। आज भी कई लोग लापता हैं, जिनकी खोज जारी है.


सेना का एडवांस तकनीक का उपयोग


सेना मलबे में दबे लोगों को खोजने के लिए एडवांस पेनिट्रेटिंग रडार का उपयोग कर रही है। इस तकनीक के माध्यम से बिना खुदाई किए ही जमीन में दबे लोगों का पता लगाया जा सकता है.