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उत्तरकाशी में बादल फटने के बाद स्वास्थ्य विभाग की तैयारियां

उत्तरकाशी में हाल ही में बादल फटने के कारण आई आपदा के मद्देनजर स्वास्थ्य विभाग ने त्वरित कार्रवाई की है। स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने बताया कि प्रमुख चिकित्सा संस्थानों में बेड आरक्षित किए गए हैं ताकि घायलों को तत्काल उपचार मिल सके। इसके अलावा, मानसिक स्वास्थ्य पर भी ध्यान दिया जा रहा है, जिसके लिए मनोचिकित्सकों की टीम तैनात की गई है। जानें इस संकट के दौरान स्वास्थ्य विभाग की अन्य तैयारियों के बारे में।
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उत्तरकाशी में बादल फटने के बाद स्वास्थ्य विभाग की तैयारियां

उत्तरकाशी में आपदा के बाद स्वास्थ्य विभाग की तत्परता

Uttarkashi Cloudburst: उत्तरकाशी में बादल फटने के कारण उत्पन्न संकट के मद्देनजर स्वास्थ्य विभाग ने अलर्ट जारी किया है। स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने जानकारी दी कि देहरादून, ऋषिकेश और अन्य प्रमुख चिकित्सा संस्थानों में बेड सुरक्षित कर लिए गए हैं। इससे प्रभावित क्षेत्रों से लाए गए घायलों को त्वरित चिकित्सा सहायता मिल सकेगी। जनरल और ICU बेड घायलों के लिए आरक्षित किए गए हैं। किन अस्पतालों में कितने बेड उपलब्ध हैं, इसकी जानकारी इस प्रकार है।


दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल, देहरादून



  • 150 जनरल बेड

  • 50 ICU बेड


कोरोनेशन जिला चिकित्सालय, देहरादून



  • 80 जनरल बेड

  • 20 ICU बेड


एम्स, ऋषिकेश



  • 50 जनरल बेड

  • 20 ICU बेड


इन अस्पतालों में डॉक्टरों, नर्सिंग स्टाफ, पैरामेडिकल और दवाओं की आपूर्ति की व्यवस्था भी सुनिश्चित की गई है।


मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान


स्वास्थ्य सचिव ने बताया कि आपदा से प्रभावित व्यक्तियों में मानसिक तनाव और अवसाद की स्थिति उत्पन्न होना स्वाभाविक है। इसे ध्यान में रखते हुए, सरकार ने तीन मनोचिकित्सकों को धराली क्षेत्र में तैनात किया है, ताकि जरूरतमंदों को त्वरित काउंसलिंग और मनोवैज्ञानिक सहायता मिल सके। ये डॉक्टर स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर राहत शिविरों में जाकर लोगों से संवाद करेंगे।


स्वास्थ्य विभाग की सतर्कता


स्वास्थ्य सचिव ने स्पष्ट किया कि सभी जिलों के मुख्य चिकित्साधिकारी (CMO) और आपदा प्रतिक्रिया टीमें सतर्क हैं। 108 एम्बुलेंस सेवा को भी चौबीसों घंटे सक्रिय रखा गया है। डॉ. आर. राजेश कुमार ने कहा कि यह संवेदनशील समय है और किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। मुख्यमंत्री के निर्देश हैं कि एक भी घायल या जरूरतमंद व्यक्ति चिकित्सा से वंचित न रहे। स्वास्थ्य विभाग हर स्थिति के लिए पूरी तरह तैयार है।