उत्तरकाशी में बादल फटने से आई बाढ़: 4 की मौत, 50 से अधिक लापता

उत्तरकाशी में बाढ़ का कहर
Uttarkashi Flood: उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में मंगलवार को बादल फटने के कारण भयंकर तबाही हुई है। इस प्राकृतिक आपदा में चार लोगों की जान चली गई है, जबकि 50 से ज्यादा लोग लापता हैं। पहाड़ी क्षेत्रों से आए मलबे ने कई घरों को नष्ट कर दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया है और पीड़ितों के प्रति अपनी संवेदनाएं प्रकट की हैं। स्थानीय प्रशासन ने राहत कार्यों के लिए हेल्पलाइन नंबर 01374222126 और 9456556431 जारी किए हैं.
लापता लोगों की संख्या बढ़ी
स्थानीय लोगों के अनुसार, मंगलवार दोपहर डेढ़ बजे के आसपास आई बाढ़ ने धराली क्षेत्र में भारी तबाही मचाई। एक निवासी ने मीडिया से कहा, 'हमने इससे पहले ऐसा दृश्य नहीं देखा। बाढ़ के बाद 60-70 लोग लापता हैं और उनसे संपर्क नहीं हो पा रहा है।' उन्होंने बताया कि इससे पहले 1978 में कंजोडिया में भी ऐसी बाढ़ आई थी, लेकिन धराली में यह स्थिति बेहद भयावह है। बादल फटने से यहां के होटल, लॉज, बाजार और गांव पूरी तरह से बर्बाद हो गए हैं.
केदारनाथ त्रासदी की याद दिलाता मंजर
केदारनाथ त्रासदी की याद दिलाने वाला मंजर
एक अन्य प्रत्यक्षदर्शी ने कहा, 'कल रात से लगातार बारिश हो रही थी और खीरगंगा नदी में बादल फटने से भारी तबाही हुई। यह दृश्य केदारनाथ त्रासदी की याद दिलाता है।' उन्होंने बताया कि इस आपदा में 100 से अधिक लोग मलबे में दबे हुए हैं। हालांकि, प्रशासन राहत कार्यों में जुटा हुआ है और सेना भी जल्द ही मदद के लिए आएगी। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने फोन पर इस घटना का जायजा लिया और राहत कार्यों की जानकारी ली। अमित शाह ने केंद्र सरकार की ओर से हर संभव सहायता का आश्वासन दिया है.
गंगोत्री धाम का संपर्क टूटा
गंगोत्री धाम का संपर्क कटा
इस घटना के बाद गंगोत्री धाम का संपर्क जिले के मुख्यालय से पूरी तरह से कट गया है। धराली में जलस्तर बढ़ने के कारण बाजारों और घरों को भारी नुकसान हुआ है। उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश जैसे पहाड़ी राज्यों में इस तरह की घटनाएं लगातार हो रही हैं, जिनमें कई लोगों की जान भी जा चुकी है.