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उत्तरकाशी में बादल फटने से तबाही: 4 मृतक, 50 लापता

उत्तरकाशी के धराली क्षेत्र में मंगलवार को बादल फटने से भारी तबाही हुई है, जिसमें चार लोगों की जान चली गई और 50 लोग लापता हैं। राहत कार्य में पुलिस, SDRF और सेना जुटी हुई है। मौसम विभाग ने भारी बारिश की चेतावनी दी है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। जानें इस प्राकृतिक आपदा के बारे में और अधिक जानकारी।
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उत्तरकाशी में बादल फटने से तबाही: 4 मृतक, 50 लापता

उत्तरकाशी में बादल फटने की घटना

उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के धराली क्षेत्र में मंगलवार को एक गंभीर बादल फटने की घटना घटी, जिससे कई गांवों में बाढ़ आ गई। इस त्रासदी में कम से कम चार लोगों की जान चली गई है और 50 अन्य लोग लापता हैं। जिला मजिस्ट्रेट प्रशांत आर्या ने इस घटना की पुष्टि की है। इस आपदा ने क्षेत्र में व्यापक नुकसान पहुँचाया है, और राहत एवं बचाव कार्यों में पुलिस, SDRF, सेना और अन्य दल जुटे हुए हैं।


भारी बारिश और बाढ़ का कहर

बादल फटने के कारण हर्षिल के क़ीयर गढ़ नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ गया, जिससे धराली क्षेत्र में भारी नुकसान हुआ। बाढ़ के प्रकोप से कई घर बह गए, और स्थानीय निवासियों का कहना है कि लगभग 10-12 लोग मलबे में दबे हो सकते हैं। इसके अलावा, 20-25 होटल और होमस्टे भी बाढ़ में बह गए हैं, जिससे आसपास के गांवों में हाहाकार मच गया है।


राहत कार्य जारी

उत्तराखंड पुलिस ने बताया कि राहत कार्यों के लिए पुलिस, ITBP, NDRF और सेना की टीमों को तुरंत मौके पर भेजा गया है। आपदा नियंत्रण केंद्र ने भी इस क्षेत्र में त्वरित सहायता के निर्देश जारी किए हैं। गृह मंत्री अमित शाह ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से संपर्क कर स्थिति का जायजा लिया है।


मौसम विभाग की चेतावनी

भारतीय मौसम विभाग ने उत्तराखंड के कई क्षेत्रों में अत्यधिक भारी बारिश की चेतावनी दी है। इस बारिश के कारण राज्य के विभिन्न हिस्सों में नदियां उफान पर हैं और भूस्खलन की घटनाएं भी हो रही हैं। पहले भी मॉनसून के दौरान भाखड़ा नाला और भुजियाघाट के आसपास कई लोग बहने या डूबने की घटनाओं का सामना कर चुके हैं।


मुख्यमंत्री के निर्देश

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सभी जिला मजिस्ट्रेट्स को अपने-अपने क्षेत्रों में पूरी टीम के साथ मौजूद रहने का निर्देश दिया है। उन्होंने अधिकारियों को कहा है कि यदि भारी बारिश के कारण रास्ते बंद हों, तो उन्हें जल्द से जल्द खोलने की व्यवस्था करें। पीने के पानी और बिजली की आपूर्ति में किसी भी बाधा का त्वरित समाधान निकालने का भी आदेश दिया गया है।


उत्तराखंड में प्राकृतिक आपदा का प्रभाव

उत्तराखंड में इस बार का मॉनसून मौसम भी खतरनाक साबित हो रहा है। तेज बारिश और बादल फटने के कारण नदी-नाले उफान पर हैं, जिससे कई क्षेत्रों में जान-माल का नुकसान हो रहा है। प्रशासन और बचाव दल प्रभावित लोगों की जान बचाने और उन्हें सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाने के लिए प्रयासरत हैं, लेकिन इस प्राकृतिक आपदा ने कई परिवारों का जीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है।