उत्तरकाशी में बादल फटने से फिर से बढ़ी चिंता, राहत कार्य जारी

प्राकृतिक आपदा का सामना
उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में एक बार फिर से प्रकृति ने अपना विकराल रूप दिखाया है। जिला प्रशासन के अनुसार, धराली के सुखी टॉप क्षेत्र में मंगलवार को एक और बादल फटने की घटना हुई है। हालांकि, इस घटना के बारे में विस्तृत जानकारी अभी उपलब्ध नहीं है, लेकिन प्रशासन ने तुरंत राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिए हैं.
धराली गांव की स्थिति
धराली गांव, जो गंगोत्री धाम के मार्ग में एक महत्वपूर्ण स्थान है, हाल के दिनों में कई बार प्राकृतिक आपदाओं का शिकार हो चुका है। सुखी टॉप, जो धराली के निकट एक ऊंचाई वाला क्षेत्र है, में बादल फटने की सूचना ने स्थानीय लोगों और प्रशासन को सतर्क कर दिया है। जिला प्रशासन ने बताया कि खीर गंगा नदी के जलस्तर में अचानक वृद्धि के कारण धराली और आसपास के क्षेत्रों में पहले से ही भारी नुकसान हुआ है। अब सुखी टॉप में बादल फटने की घटना ने स्थिति को और गंभीर बना दिया है.
राहत कार्यों की शुरुआत
उत्तरकाशी के जिला मजिस्ट्रेट प्रशांत आर्य ने पुष्टि की है कि सुखी टॉप में बादल फटने की सूचना मिलते ही राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिए गए हैं। एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, स्थानीय पुलिस और सेना की टीमें तुरंत घटनास्थल पर पहुंच गई हैं। प्रशासन ने लोगों से नदियों और नालों से दूर रहने की अपील की है और स्थानीय निवासियों को सुरक्षित स्थानों पर जाने के निर्देश दिए हैं.
मुख्यमंत्री की प्रतिक्रिया
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया है। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, "धराली और आसपास के क्षेत्रों में बादल फटने से हुए नुकसान की खबर अत्यंत दुखद है। हमारी टीमें राहत और बचाव कार्यों में पूरी ताकत से जुटी हैं। मैं स्थिति पर नजर रखे हुए हूं और प्रभावित लोगों को हरसंभव मदद दी जाएगी."
पहले की तबाही
धराली और हर्षिल क्षेत्र में बादल फटने की एक बड़ी घटना ने भारी तबाही मचाई थी। खीर गंगा नदी में अचानक आई बाढ़ और मलबे ने धराली बाजार, कई घरों, होटलों और होमस्टे को तहस-नहस कर दिया था। इस आपदा में चार लोगों की मौत की पुष्टि हुई थी, जबकि दर्जनों लोग लापता बताए गए थे। सुखी टॉप में ताजा घटना ने प्रशासन की चिंताओं को और बढ़ा दिया है.
मौसम विभाग की चेतावनी
मौसम विज्ञान केंद्र, देहरादून के अनुसार, उत्तराखंड के कई हिस्सों में भारी बारिश का सिलसिला जारी रह सकता है। उत्तरकाशी, देहरादून, टिहरी, और अन्य जिलों के लिए भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। विशेषज्ञों का कहना है कि हिमालयी क्षेत्रों में ग्लोबल वार्मिंग और अनियोजित निर्माण कार्यों के कारण बादल फटने और भूस्खलन की घटनाएं बढ़ रही हैं.
सतर्कता की अपील
उत्तरकाशी पुलिस और प्रशासन ने लोगों से नदियों, नालों और कमजोर ढलानों से दूर रहने की सलाह दी है। साथ ही, स्थानीय लोगों और तीर्थयात्रियों से मौसम विभाग की चेतावनियों का पालन करने और सुरक्षित स्थानों पर रहने की अपील की गई है। गंगोत्री धाम का संपर्क जिला मुख्यालय से कट चुका है, जिसके कारण स्थिति और जटिल हो गई है.