उत्तरकाशी में राहत कार्यों का जायजा लेते सीएम पुष्कर सिंह धामी

आपदा राहत अभियान में जुटी राज्य और केंद्र सरकार
उत्तरकाशी के धराली क्षेत्र में आई आपदा के बाद राहत और बचाव कार्यों में केंद्र और राज्य की एजेंसियां युद्धस्तर पर सक्रिय हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को मौसम की चुनौतियों के बावजूद प्रभावित क्षेत्र का दौरा किया और पीड़ितों से मुलाकात की। उन्होंने राहत कार्यों में किसी भी प्रकार की कमी न छोड़ने के निर्देश दिए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी सुबह मुख्यमंत्री से फोन पर बात कर धराली में हुई प्राकृतिक आपदा और राहत कार्यों की स्थिति की जानकारी ली।
सीएम धामी का धराली दौरा
मुख्यमंत्री धामी ने प्रधानमंत्री को बताया कि राज्य सरकार राहत कार्यों में पूरी तत्परता से जुटी हुई है। भारी बारिश के कारण कुछ क्षेत्रों में कठिनाइयां आ रही हैं, लेकिन सभी एजेंसियां समन्वय के साथ काम कर रही हैं ताकि प्रभावित लोगों को त्वरित सहायता मिल सके। प्रधानमंत्री मोदी ने केंद्र सरकार की ओर से हर संभव मदद का आश्वासन दिया।
राहत सामग्री की आपूर्ति
सीएम धामी ने प्रभावित क्षेत्र का दौरा करते हुए परिवारों से मुलाकात की और राहत कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने राहत सामग्री को समय पर प्रभावितों तक पहुंचाने के निर्देश दिए। दो हेलीकॉप्टरों के माध्यम से आवश्यक खाद्य और राहत सामग्री धराली में भेजी गई है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की प्राथमिकता प्रभावित व्यक्तियों तक राहत पहुंचाना और सामान्य स्थिति बहाल करना है।
चिनूक और एमआई 17 हेलीकॉप्टरों की तैनाती
राज्य सरकार की मांग पर केंद्र ने चंडीगढ़, सरसावा और आगरा से दो चिनूक और दो एमआई-17 हेलीकॉप्टर जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर उपलब्ध कराए हैं। सड़क यातायात को बहाल करने के लिए चिनूक हेलीकॉप्टर से भारी मशीनरी भी भेजी जा रही है। बचाव कार्य में सेना के 125 अधिकारी और जवान, आईटीबीपी के 83 अधिकारी और जवान शामिल हैं।
स्वास्थ्य सेवाओं का प्रबंध
स्वास्थ्य विभाग ने आपदा में घायलों के उपचार के लिए दून मेडिकल कॉलेज, कोरोनेशन जिला अस्पताल और एम्स ऋषिकेश में बेड आरक्षित किए हैं। विशेषज्ञ डॉक्टरों को भी उत्तरकाशी भेजा गया है, जिसमें मनोचिकित्सक भी शामिल हैं।
राहत शिविरों की स्थापना
सेना, आईटीबीपी, एसडीआरएफ, पुलिस और राजस्व विभाग की टीमें बचाव कार्य में जुटी हुई हैं। प्रशासन ने इंटर कॉलेज हर्षिल, जीएमवीएन और झाला में राहत शिविर स्थापित किए हैं। इसके साथ ही क्षेत्र में बिजली और संचार नेटवर्क को बहाल करने के प्रयास भी चल रहे हैं।